डॉ.एस.बी.एस.चौहान।
चकरनगर,इटावा।”सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का?” इसी तर्ज पर जिलाधिकारी महोदय श्रीमती सेल्वा कुमारी जे की नजरों को बचाकर एआरटीओ विभाग इटावा अपने मनमाने तरीके से कानून की आड़ में होकर लूट गदर मचाऐ हुए हैं जिससे जनता भारी त्रस्त है और उनका विश्वास योगी सरकार से उठने की कगार पर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद मुख्यालय में स्थापित उप संभागीय परिवहन अधिकारी का ऑफिस जो सिर्फ दलाली का अड्डा ही नहीं बल्कि बहुत बड़ी परेशानी का केंद्र बना हुआ है जिससे लाभार्थी व लाभार्थियों के साथ जुड़े लोग बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं आज चकरनगर से वरिष्ठ पत्रकार एसबीएस चौहान एक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने हेतु सीताराम तिवारी के साथ इटावा ऑफिस जाकर जहां पर उन्होंने सारी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद काउंटर पर पहुंचे। खिड़की के पास बैठे गोविंद भैया नाम से पुकारे की गई गोविंद भैया से जानकारी मिली कि आज बाबू जी अभी आगरा से नहीं आए हैं करीब 12:00 बजे तक आएंगे उसके बाद फोटो खींची जाएगी और अभी एस डी एम महोदय ऑफिस में निरीक्षण कर रहे हैं इसलिए सारा काम बाधित है तब जाकर पूंछतांछ खिड़की पर बैठी महिला से यह जानकारी की गई। तब जाकर पूंछ तांछ खिडकी पर बैठी महिला से यह जानकारी की गई क्या ऑफिस का निरीक्षण हो रहा है? उत्तर मिला मुझे पता नहीं उसके बाद पूछा कि फोटो क्लर्क कब तक आएंगे? तो श्रीमती जी ने यह कहते हुए मुझे पता नहीं। इसके बाद फोर्थ क्लास के महाशय को एक पर्ची देकर आरटीओ महोदय श्री हिमांशु जैन से मिलने की परमिशन ली गई जिस पर करीब 35 मिनट इंतजार के बाद परमिशन मिली अंदर जाने पर एआरटीओ महोदय को इस स्थिति से अवगत कराया गया तो उन्होंने अपनी बात को रखते हुए कि अभी क्लर्क आया नहीं है आपकी फोटो 3:00 बजे तक करवा दी जाएगी आप तब तक इंतजार कीजिए उसके बाद स्थानीय ब्यूरो चीफ की मदद से वह काम करीब 2:30 पर संपादित किया गया। लेकिन इसके बीच में यह पता चला कि एक क्लर्क के अभाव में दूसरे काउंटर पर बैठे क्लर्क ने 500 से लेकर ₹800 तक की मनमानी मोटी रकम वसूल कर लोगों के फार्मों को फॉरवर्ड करते हुए दूसरे काउंटर पर फोटो खिंचवाई जब इस संबंध में जानकारी की गई तो नाम न छापने की शर्त पर बहुत सारे लोगों ने यह बताया यहां की भ्रष्टाचारी के बारे में पूरा प्रशासन जानता है और जब से ऑनलाइन व्यवस्था की गई है तब से यह खर्चा कई गुना बढ़ कर लग रहा है यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है और ना ही यह कोई नया काम हो रहा है। पर आश्चर्य तो यह लग रहा है कि ए आरटीओ दफ्तर में घुसते ही हर जगह दलालों का प्रवेश वर्जित है लाल और मोटी इटैलिक शब्दों में लिखा हुआ है लेकिन शायद इस बुरखे के अंदर इतना बड़ा गोलमाल किया जा रहा है कि सुबह से लेकर शाम तक लाखों की कमाई एक साथ पैदा की जा रही है दलालों के बस्ते फल फूल रहे हैं लाभार्थियों के ऊपर इतना खर्चा बढ़ा दिया गया है कि लाभार्थी झेल पाने में सक्षम प्रतीत नहीं हो रहे हैं। गेट के बाहर से लेकर कुछ कदमों की दूरी पर एक नहीं दर्जनों बस्ते दलालों के लगे हुए हैं इन दलालों की कृपा के बिना ऑफिस में पत्ता हिलना भी मुश्किल दिखाई देता है कुर्सी पर आसीन प्रशासनिक व्यवस्था को देख रहे उप संभागीय अधिकारी महोदय पीड़ित को सिर्फ मुस्कुराहट के साथ सांत्वना देते हैं इसके अलावा विभागीय एक्शन नजर नहीं आ रहा है 1-1 लाभार्थी से 500 से लेकर अनगिनत के रूप में मोटी रकम वसूल की जा रही है। जो असुविधा को सुविधा बनाने में तरमीम करती है। यह भी पता चला कि आज किसी कार्यवश आईएएस मीणा जी एआरटीओ दफ्तर जाने से कार्यवाही को के बाबूओं ने निरीक्षण में बदल दिया और इस निरीक्षण के दौरान मनमानी मोटी रकम वसूल करने का मौका मिला और जो बाबू आगरा से यहां पर जॉइनिंग कर काम कर रहा है उसका यही रवैया है कि लगभग नित्य प्रति 12:00 या 12:00 बजे के बाद ही आता है जिससे उपभोक्ता बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं। आज आईएएस अफसर मीणा जी के पहुंचने पर शायद उस बाबू को छुट्टी पर चढ़ा दिया गया इसीलिए यहां पर बेफिक्री के साथ यह कहा जा सकता है कि “सैंया हुए कोतवाल अब डर काहे का?” यह आरटीओ महोदय का पूरे स्टाफ पर वरदहस्त है किसी भी कार्यवाही को रोकने और थमने के लिए वरिष्ठ अधिकारी का साथ होना नितांत आवश्यक होता है। हमारे जिले के जिला प्रमुख श्रीमती सेल्वा कुमारी जे क्या अपना अमूल्य समय का कुछ क्षण एआरटीओ दफ्तर पर नजर डालने को देंगीं जिससे यहां पर एआरटीओ महोदय की छत्रछाया में हो रहा भ्रष्टाचार और दलाली के अड्डे पर अंकुश लगाया जा सके।