लखनऊ (राज प्रताप सिंह) : यूपी में गोरखपुर और फूलपूर लोकसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर धीरे धीरे सभी मुख्य पार्टियों में सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही है। अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की यात्रा और आगरा में होने वाले समाजवादी पार्टी के सम्मेलन को इसी के मद्देनजर देखा जा रहा है। वैसे अभी इन दोनों लोकसभा सीटो के लिये चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव की कोई तारीख की घोषणा नही हुई है। लेकिन पार्टियों की सरगर्मियां तेज हो रही है। इन सीटों में से गोरखपुर की सीट सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के उत्तर प्रदेश विधान परिषद में जाने के कारण खाली हुई है। भारतीय जनता पार्टी के लिये दोनो लोकसभा सीटें काफी मायने रखती है क्योंकि गोरखपुर सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है और 1991 से यह सीट पार्टी के पास है। जबकि फूलपुर सीट वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा पहली बार जीती थी।
उपचुनाव में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन का दावा करते हुये पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने दावा किया कि पार्टी दोनों उपचुनाव आसानी से जीतेंगी, इसके साथ ही पार्टी का जीत का अंतर भी पहले से काफी अधिक होगा।
पिछले सप्ताह भाजपा के प्रमुख नेताओं ने नेहरू गांधी परिवार की विरासत पर सवाल उठाया था और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी के अपने लोकसभा क्षेत्र में कराये गये विकास कार्यो पर सवालिया निशान लगाया था। शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सीएम योगी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा था।
इससे पहले राहुल गांधी ने अपनी अमेठी यात्रा के दौरान भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया था कि भाजपा सप्रंग सरकार के पूर्व में जिले में जो परियोजनायें लायी गयी थी उन्ही को दोबारा शुरूआत और दोबारा रिलांच कर रही है। प्रदेश की एक अन्य बड़ी पार्टी बहुजन समाज पार्टी की तरफ से कोई ऐसा इशारा अभी तक नही है कि वह इन उप चुनावों में मैदान में उतरेगी या नही। पार्टी के अंदरूनी सूत्र ने बताया कि वैसे तो मायावती की पार्टी उप चुनाव से दूर ही रहती है लेकिन इस बार दृश्य कुछ अलग है और इस बारे में कुछ भी नही कहा जा सकता है।