Breaking News

देखरेख के अभाव में वन्य जीव जन्तुओं की प्रजाति हो रही नष्ट

राष्ट्रीय पक्षी मोर गौहानी के लिए आई विद्युत विभाग की लाइन पर बिहार करते समय टकराकर हुई घायल लोगो ने किया उपचार

डॉ.एस.बी.एस.चौहान।

चकरनगर,इटावा।बहुतेरे जीव जंतुओं की रक्षार्थ सरकार ने बड़ी-बड़ी योजनाएं चलाईं और कुछ योजनाओं के चलाए जाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है कि वन्य जीव जंतुओं की रक्षा कैसे की जाए, लेकिन जो वन्य जीव की प्रजातियां घटने की स्थिति पर हैं या उनकी प्रजाति नष्ट होने की कगार पर है सरकार तो चिंतित है क्योंकि उनकी कार्य शैली से प्रतीत होता है लेकिन उनके अधीनस्थ कर्मचारी कितने लगनशील हैं यह प्रतीत उस वक्त हुआ कि जब क्षतिग्रस्त हुई एक राष्ट्रीय पक्षी मोर जिसके लिए पुलिस मुहकमे से लेकर वन विभाग तक के कर्मचारी आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंच गए और उन्होंने राष्ट्रीय पक्षी मोर को अपने कब्जे में लेकर उसका उपचार करवाना शुरू कर दिया है। ज्ञातव्य हो कि पिछले 6 फरवरी को एक राष्ट्रीय पक्षी मोर गौहानी के लिए आई विद्युत विभाग की लाइन पर बिहार करते समय टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। जिसकी खबर मिलते ही वन्य जीव जंतुओं से मोहब्बत करने वाले प्रशांत सिंह चौहान पुत्र मुरारी सिंह चौहान घटनास्थल पर से राष्ट्रीय पक्षी मोर को लेकर अपना जो भी उचित इलाज समझा किया पर मोर को आराम ना मिलने के चलते वह मोर को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र /पशु चिकित्सालय राजपुर पर पहुंचे जहां पर 11 वे तक अस्पताल बंद होने के चलते प्रशांत ने यह खबर मीडिया कि सूत्रों को बताई। जिस पर स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों से बात हुई लेकिन कोई ईरान तो कोई तूरान बहराल इलाज संभव नहीं हो सका। यह खबर मीडिया के द्वारा जब सोशल मीडिया पर डाली गई तो अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए तत्क्षण स्थानीय थाना पुलिस व वन विभागीय कर्मचारी अधिकारी मौके पर पहुंचकर प्रशांत उर्फ श्याम से राष्ट्रीय पक्षी मोर को अपनी कस्टडी में ले कर उसके प्रांण पखेरू न उडें इसके लिए भरसक प्रयास जारी हैं। इस सोशल मीडिया पर चली खबर पर संज्ञान लेने के लिए वन्य जीव जंतुओं से प्यार करने वाले प्रशांत का यह मानना है कि जितनी तत्परता से पुलिस ने और वन विभागीय कर्मचारियों ने संज्ञान लिया इसके लिए उन्होंने धन्यवाद दिया और सरकार की मंशा के सापेक्ष हुए काम के लिए बेहद खुशी का इजहार किया, पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बढ़ती जा रही घोर लापरवाही पर विशेष आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने बताया कि जब मैं अस्पताल पहुंचा तो वहां पर उपस्थित कई लोगों ने बताया की डॉक्टर का पद यहां पर रिक्त है फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के चलते चंबल पार से पशु चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी कभी कभार ही आते हैं। एक अधिकारी 2 से लेकर 3 अस्पतालों तक ड्यूटी दे यह विधि प्रतिकूल है स्टाफ की कमी के होते एक डॉक्टर के सर पर दो और तीन अस्पतालों का भार दिया जाना यह साबित करता है कि जिला प्रशासन चंबल घाटी में स्थापित पशु चिकित्सालयों के लिए संवेदनशील नहीं है।

Check Also

72 वर्ष की उम्र में सुशील मोदी का कैंसर से निधन, शोक की लहर

डेस्क। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है। दिल्ली …

लोकसभा चुनावों को देखते हुए चकरनगर में तैयारियां तेज हो गईं।

लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज पुलिस और पी ए सी बल के जवानों ने निकाला फ्लैग मार्च

चकरनगर /इटावा।लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज, पुलिस और पी ए सी बल के जवानों …

जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप को बताया मरू धरा का महान योद्धा

दरभंगा। महाराणा प्रताप की जयंती पर जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप के जीवनवृत्त …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *