डॉ.एस.बी.एस.चौहान।
चकरनगर,इटावा।आए दिन दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है ओवरलोड सवारियों को भर कर चलना उसके बाद गाड़ियों का बहकना उसी के साथ ड्राइवर का मानसिक संतुलन बिगड़ जाने से नित्य प्रति कहीं ना कहीं कोई ना कोई वारदात जरूर होती है जिसमें तमामों को अपनी जान से हांथ धोना पड़ता है। जिसके लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार पुलिस प्रशासन और संभागीय परिवहन विभाग है। बताते चलें की ओवरलोड सवारियों को भरने से ही अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। लेकिन इन सबके बावजूद भी न तो पुलिस प्रशासन चेत रहा है और ना ही संभागीय परिवहन विभाग। इन दोनों की चलते रजामंदी, चढ़ौती व सहमति से खटारा वाहन ढुलमुल स्थिति में जनपद के सड़कों पर दौड़ रहे हैं लेकिन उसमें भी खास चकरनगर की उबड़ खाबड़ सड़कों पर फर्राटे भरते नजर आ रहे हैं। इन बहनों के परिचालक संबंधित थानों को अपनी बंधौरी जो भी बंधी है रोजमर्रा के आधार की हो या मासिक हो समय पर पहुंचा दी जाती है फिर इन्हें कोई परवाह नहीं चाहे एक मरे या पूरी दुनियां मर जाए उन्हें तो सिर्फ अपना पैसा दिखाई देता है मैं इस जगह पर बात करना चाहूंगा चकरनगर भरेह-रोड पर 5:23 शाम पर गोपालपुरा के ठीक सामने से हाईवे पर एक खटारा मैजिक जो अंदर सवारियां तो भूसा की तरह भरे हुए था लेकिन उसके ऊपर व खिड़की के पीछे कई सवारियां बैठी/लटकी हुई प्रदर्शित हो रहीं है जबकि पुलिस की नजरों में सब कुछ होते हुए भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं होती बशर्ते समय पर बंधा हुआ पैसा थाने पर पहुंच जाए उसके बाद फिर कोई कार्यवाही नहीं और यदि पैसा समय पर न पहुंचा तो वाहन को किसी न किसी कमी में लेकर खड़ा कर लिया जाता है उसके बाद एक मोटी रकम के साथ उसे थानाध्यक्ष महोदय स्वता ही रिलीज कर देते हैं। सब्दलपुर थाना लवेदी की जो घटना घटी है उसमें भी ओवरलोड थ्री-व्हीलर भरा हुआ था जिसका बैलेंस न बनने के कारण भिड़ंत हो गई जिसके तहत करीब आधा दर्जन सवारियां वेमौत काल के गाल में समाहित हो गईं, या फिर जख्मी होकर मरण सीमा पर कराह रहीं हैं। धन्य हैं यह थानाध्यक्ष चकरनगर जो गांधारी पट्टी बांधे यह सब कुछ करवाने में माहिर हैं। इनकी वाणी तो संस्कृत सारगर्भित है महोदय के सामने प्रकांड विद्वान भी इनकी वाणी के सामने हो सकता है बोना नजर आए लेकिन कानून में संज्ञानता लाने के लिए वह ढुलमुल रवैया है कि क्षेत्र में बढ़ रहा अपराधीकरण शराब का आतंक शाम सूर्य ढलते ही लोगों की नींद हराम हो जाती है पर इन सब चीजों से हमारे थानाध्यक्ष चकरनगर को कोई लेना देना नहीं है। क्या वरिष्ठ पुलिस प्रशासन के अधिकारी इस समस्या को सुलझाने के लिए, भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाने के लिए ज़हमत उठाएंगे?