रामकिशोर रावत
माल(लखनऊ)।माल इलाके में दर्जनों जगहों पर पुलिस की शह पर लाखों रुपए का जुआ खेला जा रहा है। जहा पर राजधानी के पड़ोस के जनपदों से भी जुआरी जुवा खेलने आते है। जुवा में हारने के बाद बड़ी से बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। शिकायत करने के बाद भी जुआरियों को पकड़ने नहीं पहुंचती है पुलिस।
माल इलाके के गहदौ उमरावल अटारी सहित क्षेत्र में दर्जनों जगहों पर में लाखों रुपए का जुआ खेला जाता है।जहां पर राजधानी के अलावा उन्नाव हरदोई संडीला से भी दर्जनों जुवारी जुआ खेलने आते है। यह जुआरी अपनी निजी फोर व्हीलर गाड़ीयो से आते है।और दलाल अपनी जिम्मेदारी पर अपनी जगह पर गाडी खड़ी करवा देते है। जिसके बाद दलाल इनको मोटरसाइकिल से जुवा के फड पर ले जाते । जहां पर इन जुआरियों द्वारा लाखों रुपए का दांव लगाया जाता है।जुआ में लाखों रुपए हारने के बाद इन्हीं जुआरियों द्वारा इलाके में चोरी लूट डकैती जैसी बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।जिसका पुलिस कोई अता पता नहीं लगा पाती। सबसे बड़ी बात तो यह है।कि ग्रामीणों द्वारा सूचना देने के बाद भी स्थानीय पुलिस कभी भी मौके पर जुआरियों को पकड़ने नहीं जाती है। कभी-कभार अगर पुलिस जुआरियों को पकड़ भी लेती है तो थाने पर लाकर सुविधा शुल्क लेकर छोड़ दिया जाता है। सूत्रों की माने तो माल पुलिस दलालों के माध्यम से महीने में मोटी रकम उगाही करती है। जिसके चलते पुलिस जुआरियों को पकड़ने के बजाए जुवा खिलाने में मशगुल रहती है।