Breaking News

यूपी:कुरान और अहलेबैत की इंसान की निजात का जरिया

9 मोहर्रम को इमाम हुसैन की शहादत सुन कर अजादारों ने किया गिरया

राज प्रताप सिंह,ब्यूरो लखनऊ

लखनऊ।इमामबाड़ा गुफरानमॉब में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि रसूल का इरशाद है कि मै तुम्हारे बीच दो चीजें छोड़ कर जा रहा हूं, कुरान और अहलेबैत। इनका दामन पकड़े रहोगे तो निजात पाओगे। वहीं, कुरान का इरशाद है कि कुरान सभी आसमीनी किताबें, तौरात, इंजील, जुबुर का मुहाफिज ‘रक्षक है। कुरान जब मुहाफिज है तो फिर ऐसा क्यों है कि आज न तो असली इंजील है, तौरात और जुबुर मौजूद है। मौलाना ने कहा कि गर्मी में निकलने वाले फूलों की खुश्बू जाड़े के मौसम में मिलना मुश्किल है। उन फूलों की खुश्बुओं को बरकरार रखने का एक ही तरीका है कि उनका इत्र बना लिया जाए। इसी तरह सारी आसमानी किताबों का इत्र कुरान में मौजूद है। उसी तरह रसूल अल्लाह के पास हर नबी का मोजिजा मौजूद था। अल्लाह ने रसूल को जो शरीयत दी उसमें इब्राहिम, ईसा व मूसा नबी की शरीयत मौजूद है। अब सवाल ये है कि रसूल का वसी उत्तराधिकारी कैसा होना चाहिए, तो रसूल का वसी वह जो रसूल का ही हिस्सा हो। वह सिवाए अली और अहलेबैत के कोई नहीं हो सकता है। इमाम हुसैन की शहादत में अश्कबार हुई आंखें आशूर का सूरज है कयामत की घड़ी है, भाई का गला कटता बहन देख रही है। 9 मोहर्रम पर अजादारों ने इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाया। अजाखानों में उलमा ने इमाम की शहादत बयान कर अकीदतमंदों को अश्कबार किया तो वहीं, घरों में शबे आशूरा पर पूरी तरह मजलिस व मातम का सिलसिला जारी रहा। अजादारों ने रात भर इमामबाड़ों में जाकर इमाम हुसैन की शहादत पर मातम व गिरया किया। अजादार लब्बैक या हुसैन…लब्बैक या हुसैन…की आवाजे बुलंद कर रहे थे। इमामबाड़ा जन्नतमाब तकी साहब चौक में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैफ अब्बास इमाम हुसैन की शहादत को बयान किया। मौलाना ने कहा कि इमाम ने तीन दिन की भूख व प्यास में पूरे दिन अपने बेटों, भाईयों व असहाबों की लाशों को उठाया। इस्लाम को बचाने के लिए अपने आप को भी कुर्बान कर दिया। रसूल ने अपने किरदार से फैलाया इस्लाम मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि इस्लाम तलवार के जोर पर नहीं बल्कि रसूल ने अपने किरदार के जरिए फैलाया है। इमामबाड़ा डॉ.आगा में मजलिस खिताब करते हुए मौलाना अख्तर अब्बास जौन ने कहा किकर्बला के मैदान में जब इमाम हुसैन ने छह महीने के मासूम बेटे हजरत अली असगर के लिए पानी का सवाल किया तो पानी तीन भालों वाला तीर मार कर उनको शहीद कर दिया गया। फाका शिकनी की नज्रयौमे आशूरा के मौके पर शुक्रवार को शहर के तमाम इमामबाड़ों, दरगाहों, कर्बलाओं व घरों में (फाका शिकनी) कर्बला के शहीदों की नज्र का आयोजन शाम 3.35 बजे किया जाएगा। हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों के तीन दिन की भूख-प्यास की याद में शिया समुदाय कल सुबह से न कुछ खाये न पियेगा।

Check Also

72 वर्ष की उम्र में सुशील मोदी का कैंसर से निधन, शोक की लहर

डेस्क। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है। दिल्ली …

लोकसभा चुनावों को देखते हुए चकरनगर में तैयारियां तेज हो गईं।

लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज पुलिस और पी ए सी बल के जवानों ने निकाला फ्लैग मार्च

चकरनगर /इटावा।लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज, पुलिस और पी ए सी बल के जवानों …

जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप को बताया मरू धरा का महान योद्धा

दरभंगा। महाराणा प्रताप की जयंती पर जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप के जीवनवृत्त …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *