हमेशा की तरह कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान की धुन से हो रहा था।सीएम, राज्यपाल समेत डीजीपी और तमाम अफसर राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े थे,वहीं दूसरी तरफ धुन सुनने के बाद भी कुछ पुलिस अफसर लजीज भोजन में व्यस्त दिखे।
लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह
लखनऊ में चल रहे पुलिस वीक के दौरान मंगलवार रैतिक परेड में राज्यपाल राम नाईक के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे।इस दौरान पुलिसकर्मियों को वीरता दिखाने,विशिष्ट और सराहनीय कार्यों के लिए मेडल देकर सम्मानित किया गया।यूपी पुलिस की शान में खुद महामहिम ने कसीदे पढ़े।
लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा भी देखने को मिला, जो यूपी पुलिस के अधिकारियों में अनुशासन पर सवाल उठा रहा था।
हुआ कुछ यूं कि परेड के बाद नाश्ते का इंतज़ाम था।कार्यक्रम अभी चल ही रहा था कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने बीच कार्यक्रम में प्लेट उठाकर नाश्ता लेना शुरू कर दिया।उधर हमेशा की तरह कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान की धुन से हो रहा था।सीएम,राज्यपाल समेत डीजीपी और तमाम अफसर राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े थे,वहीं दूसरी तरफ धुन सुनने के बाद भी कुछ पुलिस अफसर लजीज नाश्ते में व्यस्त दिखे।
दिलचस्प बात ये है कि इसी कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक ने पुलिस की तुलना भगवान राम से की।उन्होंने प्रदेश में हो रहे एनकाउंटर पर कहा कि भगवान राम जैसा व्यवहार राक्षसों के साथ करते थे,वैसा ही यूपी पुलिस अपराधियों साथ कर रही है।देश भर में होने वाले दंगों पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आंदोलन करके अपनी बात सरकार के सामने रखनी चाहिए लेकिन यह भी देखना जरूरी है कि उससे लोगों को दिक्कत न हो और माहौल न बिगड़े।
हालांकि राज्यपाल ने पुलिस को नसीहत दी कि वह आम आदमी की समस्याओं का समाधान करें पुलिस का सिपाही सरकार का चेहरा होता है।अगर थानों में फरियादियों की सुनवाई नहीं होगी तो उनका खाकी से भरोसा उठ जाएगा।राज्यपाल ने इन्वेस्टर समिट के सफल आयोजन के लिए भी सरकार की सराहना की।साथ ही कहा कि निवेशकों को दो चीजों की जरूरत होती है।पहली कारखाने में बिजली और दूसरी लॉ एंड ऑर्डर,इन्वेस्टर समिट में आने वाले निवेश के प्रस्ताव यूपी में सुधरती कानून व्यवस्था दिखाते हैं।राम नाईक ने सरकार को कानून व्यवस्था,शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करने की बात कही।