मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर एक परिवार के विकास और समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा वे अपनी ‘तोड़क नीति’ अपने तक ही सीमित रखें।
लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह।
लखनऊ।विधानसभा में हंगामे के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के भाषण पर अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला किया।समाजवादी पार्टी का नाम लेते हुए मुख्यमंत्री ने चेताया कि वे अपनी तोड़क नीति अपने तक ही सीमित रखें।उन्होंने कहा, ‘जो भी भारत को तोड़ने का काम करेगा,हम उसे तोड़ देंगे।प्रदेश और देश को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा तो दंडकारी नीति से निपटेंगे।भारत अखंड था और अखंड रहेगा।मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद बीजेपी विधायकों ने भारत माता के नारे लगाए,जबकि विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आज के युग का सबसे बड़ा अंधविश्वास है समाजवाद।यह लोग ऐसे समाजवाद की बात करते थे,जिससे लोहिया की आत्मा दुखी हो रही होगी।इनका समाजवाद था सिर्फ 4 जिलों में बिजली।इससे पहले उन्होंने कहा कि विपक्ष अच्छी चीजों को स्वीकार नहीं कर पा रहा है।पिछले एक साल में उनकी सरकार ने जो काम किया है वह पूरी दुनिया और देश ने देखा है।हमने पिछले एक साल में यूपी को बदलने का काम किया है।लेकिन विपक्ष इसे देखना ही नहीं चाहता।भगवान् विपक्ष को सद्बुद्धि दे।विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लोकतंत्र लोकलाज से चलता है,न कि जो जबरदस्ती से।राज्यपाल पर कागज के गोले फेंकना शोभनीय नहीं है।जबरन लोकतंत्र चलाने की कोशिश नहीं की जा सकती।’मुख्यमंत्री ने कहा,’सपा सरकार ने समाज को बांटने का काम किया।पिछली सरकारों के दौरान प्रदेश में भय का माहौल था।सरकारों ने किसानों की उपेक्षा की।प्रदेश की गरीब जनता उपेक्षा का शिकार हुई।’सीएम योगी ने कहा, ‘पिछली सरकार को परिवार, परिवार के विकास, तुष्टीकरण से, भ्रष्टाचार, गुंडाराज और अराजकता फैलाने से फुर्सत नहीं थी।प्रदेश के अंदर भय का माहौल पैदा करने और लूट-खसोट करने से फुर्सत नहीं थी।ऐसे में प्रदेश के विकास की बात कैसे सोचते।लेकिन मेरी सरकार ने पिछले एक साल में बहुत कुछ बदला है।देश की योजनाओं के साथ वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की योजना लाए हैं।नई योजनाओं के साथ कार्य होना प्रारंभ हुआ है।’मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश में पहली बार शासन की नीतियों का आधार परिवार और जाति नहीं, बल्कि गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाएं, दलित और वंचित तबका है।नेता प्रतिपक्ष एक भी तथ्य नहीं रख पाए।उनके पास कोई प्रमाणिक आंकड़े नहीं, जिसकी पुष्टि हो पाए।16 फरवरी और आज के उनके उद्बोधन में कुछ नयापन नहीं था।’