लखनऊ,ब्यूरो: राज प्रताप सिंह।
राजधानी लखनऊ के मड़ियांव में एक युवक ने अपनी पत्नी, दो महीने की बच्ची का गला रेतने के बाद खुद भी ज़हरीला पदार्थ खाकर जान दे दी।
कहते हैं शक का कोई इलाज नहीं होता। हकीम लुकमान के पास भी शक का इलाज नहीं था।इसी शक ने बुधवार को एक नवविवाहिता और उसकी 2 महीने की बच्ची की जान ले ली।जान लेने वाले ने भी जहर खाकर अपनी जान दे दी।मामला राजधानी लखनऊ के मड़ियांव का है।शक और उलझे संबधों में एक युवक ने अपनी पत्नी, दो महीने की बच्ची का गला रेतने के बाद खुद भी ज़हरीला पदार्थ खाकर जान दे दी।फिलहाल इस वारदात के बारे में कोई भी साफ़ तौर से तो कुछ कहने को तैयार नहीं है,लेकिन अस्पताल स्टाफ के मुताबिक पति-पत्नी में बनती नहीं थी।
मड़ियांव के प्रभाकर हॉस्पिटल में काम करने वाली नूरी का पति परशुराम प्राइवेट कार चलाता था।इसी अस्पताल में दोनों अपनी 2 महीने की बच्ची बेटू के साथ रहते थे।मूल रूप से काकोरी का रहने वाला परशुराम पहले से ही शादीशुदा था।पहली पत्नी राजकुमारी दो बच्चों के साथ अपने मायके में रहती है। पिछले 2 साल से परशुराम नूरी के संपर्क में आया।अलग धर्म की होने के बावजूद परशुराम ने नूरी के साथ शादी की और अभी दो महीने पहले ही एक बच्ची को नूरी ने जन्म दिया।नूरी प्रभाकर हॉस्पिटल में ही रहती थी और हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर राज अवस्थी के लिए खाना भी बनाती थी।
अस्पताल स्टाफ के मुताबिक परशुराम को शक था कि नूरी के कुछ अन्य लोगों से संबंध हैं।परशुराम की जेब से 4 पन्ने मिले हैं, जिसमें उसने तमाम बातें लिख रखी हैं।उनका निचोड़ निकाला जाए तो साफ होता है कि वह तनाव में था और उसकी वजह थी उसकी पत्नी और शादीशुदा जिंदगी।
अस्पताल के रहने वाले कर्मचारियों ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 3:30 बजे पति-पत्नी की जोर-जोर से आवाज आई कुछ देर बाद परशुराम कमरे से बाहर निकल कर आया और उसने कहा कि मुझे मेरी बीवी ने जहर दे दिया है।इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई इलाज के दौरान परशुराम की मौत हो गई। अस्पताल में रहने वालों ने कमरे के अंदर जाकर देखा तो नूरी और उसके 2 महीने बच्चे की लाश भी पड़ी हुई थी।
फिलहाल मौके पर पहुंची मड़ियांव पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर इस सनसनी खेज़ मामले की जांच शुरू कर दी है।