लखनऊ,ब्यूरो: राज प्रताप सिंह।
उत्तर प्रदेश के पहले स्थापन दिवस के मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।इस मौके पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी कहा कि उत्तर प्रदेश का देश के विकास में अहम योगदान है।
उत्तर प्रदेश दिवस के पहले आयोजन के मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि यूपी के बिकास के बिना भारत का विकास नहीं हो सकता।उन्होंने कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष अनुकंपा सूबे पर है।वे यूपी को बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं।इससे पहले यूपी दिवस का शुभारंभ उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किया।इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद रहे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा,“उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा महत्वपूर्ण प्रदेश है, जिसके बारे में कहा जाता है,अगर भारत को दुनिया की महाशक्ति के रूप में स्थापित होना है तो उसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश से करनी होगी।बगैर उत्तर प्रदेश के विकास के भारत का विकास नहीं हो सकता।”
मुख्यमंत्री ने कहा,“अगर आप अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर नजर डालेंगे तो पता चलता है कि हमारी कितनी गौरवशाली परंपरा है।हम सब को गर्व की अनुभूति करनी चाहिए कि हम सब उत्तर प्रदेश के वासी हैं और उत्तर प्रदेश के विकास में योगदान करने का अवसर प्राप्त हो रहा हैं।यह हम सभी के लिए गौरव का क्षण है।हम उत्तर प्रदेश की गौरवशाली परम्परा पर मंथन करके सर्वांगीण विकास के बारे में नई रूपरेखा तैयार कर सकते हैं।”सीएम योगी ने कहा,“जब प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही जब प्रदेश के विकास के बारे में राज्यपाल जी से विभिन्न विषयों पर मेरी चर्चा चल रही थी,तो उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न प्रदेश अपनी स्थापना दिवस को मनाते हैं।यहां तक कि मुंबई में उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाता हैं,लेकिन उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस उत्तर प्रदेश के अंदर नहीं मनाया जाता।तभी हमने तय किया कि भव्य उत्तर प्रदेश मनाया जाएगा।यह उनकी ही प्रेरणा से हुआ।उत्तर प्रदेश दिवस पर राज्य के सर्वांगीण विकास में सांस्कृतिक,सामाजिक,आर्थिक,शैक्षणिक और उसके विकास में योगदान देने वाली विभूतियों के सम्मान के साथ-साथ यहां की लोक परम्परा और लोक संस्कृति से जुड़े लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास हो।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा,“प्रधानमंत्री की कृपा से क्रियात्मक योग का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में देख रहे हैं।उस क्रियात्मक योग के जनक महायोगी गोरखनाथ जी उत्तर प्रदेश से और देश के अंदर संत कबीर की परम्परा को उत्तर प्रदेश ने ही दुनिया के अंदर प्रस्तुत किया है।यह मानवता की आदि भूमि है,यह समता की भूमि है।यह समृद्धि की प्रेरणा प्रदान करने वाली भूमि है,देश जब स्वाधीनता की लड़ाई लड़ रहा था,तब बलिया ने 1942 अपने को स्वतंत्र घोषित कर दिया था।मेरठ के अंदर स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई प्रारंभ होती है। इस देश के अंदर यह प्रदेश स्वाधीनता की एक नई अलख जगाते दिखाई देता है।”