लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह।
लखनऊ।गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने में हीलाहवाली और लापरवाही बरतने वाले नौ प्रधानों की प्रधानी खतरे में पड़ गई है। प्रशासन ने इन सभी प्रधानों को बर्खास्तगी की नोटिस थमा दी है। अब एक पखवारे में इनकी ओर से कोई माकूल जवाब नहीं आया तो प्रधानों को बर्खास्त भी किया जा सकता है।
प्रशासन ने इस वर्ष गांधी जयंती (दो अक्तूबर) तक राजधानी को खुले में शौच मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए गांवों में शौचालय बनाने में समूचा अमला जुटा है। गांव-गांव शौचालयों का निर्माण जोरों पर चल रहा है। एनजीओ से लेकर ग्रामीण तक इस अभियान में लगे हैं। जबकि नौ गांवों के प्रधान अभियान में पलीता लगा रहे हैं। सहयोग नहीं कर रहे हैं। पैसा होने के बावजूद शौचालयों के निर्माण में लापरवाही कर रहे हैं। प्रधानों के इस मनमाने रवैये को देखते हुए डीपीआरओ प्रदीप कुमार ने इन प्रधानों को पंचायतीराज एक्ट की धारा 95(1) जी के तहत नोटिस भेजी है। इन धारा के तहत प्रधानों को बर्खास्त किया जा सकता है। नोटिस में 15 दिन के भीतर प्रधानों से अपना पक्ष रखने को कहा गया है। अब 15 दिन में प्रधान अपना वाजिब पक्ष नहीं रखते हैं तो उन्हें बर्खास्तगी की कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है।
सचिवों पर भी होगी कार्रवाई
इन नौ पंचायतों में तैनात ग्राम पंचायत सचिवों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जिलाधिकारी की ओर से सचिवों को भी नोटिस भेजा गया है। अब अगर वाजिब जवाब न मिला तो सचिवों को निलांबन से लेकर विभागीय कार्रवाई तक झेलना होगा।
इन प्रधानों को भेजी गई बर्खास्तगी की नोटिस
बीकेटी – मंडौली व धिनौरी
गोसाईंगंज – माढरमऊ, कबीरपुर, रहमतनगर,
माल – देवरी भारत व अमलौली,
मलिहाबाद – गढी संजर खां
मोहनलालगंज – उतरांवा