डेस्क : बिहार में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर अस्पतालों में लगाए जा रहे नए ऑक्सीजन प्लांटों में ट्रांसफार्मर के अतिरिक्त जेनरेटर की सुविधा भी होगी। ताकि बिजली की अनुपलब्धता की स्थिति में लाइफ सपोर्ट सिस्टम के सहारे इलाजरत मरीजों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति जारी रहें।
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ऑक्सीजन प्लांटों के साथ विशेष ट्रांसफार्मर लगाने के साथ ही डीजी जेनरेटर सेट भी उपलब्ध कराया जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में स्थापित किए जा रहे सभी ऑक्सीजन प्लांटों में डीजी जेनरेटर सेट भी लगाए जाएंगे। अलग-अलग क्षमता वाले निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांटों में अलग-अलग क्षमता के डीजी जेनरेटर सेट भी लगेंगे। सूत्रों के अनुसार निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांटों में 100 से 250 किलोवाट (केवीए) क्षमता वाले डीजी जेनरेटर सेट लगाए जाएंगे।
राज्य में 122 स्थानों पर पीएसए (प्रेशर स्वींग एडसोरप्शन) ऑक्सीजन मशीन की स्थापना की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी प्लांटों के निर्माण स्थल पर बिजली के विशेष ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं। सभी स्थानों पर सिविल निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।
इसके बाद, अब प्लांट स्थल पर पीएसए मशीन को लगाने की कार्रवाई की जा रही है। अनुमंडल अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं प्लांट राज्य के अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तक पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं।
इनमें जिला अस्पतालों की संख्या अधिक है। साथ ही सभी अस्पतालों के वार्ड में स्थित बेड तक ऑक्सीजन पाइप लाइन भी बिछाया जा रहा है। किसी इमरजेंसी की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों के भी मरीजों को अनुमंडल व जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा तुरंत आसानी से उपलब्ध करायी जा सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुसार 31 अगस्त तक सभी 122 पीएसए ऑक्सीजन प्लांटों को चालू कर दिया जाएगा। वहीं, विभाग के अनुसार सभी ऑक्सीजन प्लांटों को जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी की जा रही है। निर्धारित समय में इसे पूरा करने को लेकर कार्य किए जा रहे हैं।