दरभंगा : एक महीने से अपने बेटे का इलाज कराने के लिए असम के त्रिपुरा से बिहार के दरभंगा पहुंची एक मां का दर्द सुन आपके आंखों में आंसू आ जाएंगे। क्या भला जीवन की रक्षा करने वाले अस्पताल का कर्मचारी इस हद तक गिर सकता है कि खुद दलाली करने लगे। कर्मचारी खुद दलाली करते हुए मरीज के परिजन से ऑपरेशन के नाम पर पच्चीस हजार रुपये ले लिये और एक माह बीत जाने के बाद भी अबतक मरीज का ऑपरेशन भी नहीं हुआ। कर्मचारी की दबंगई ऐसी कि पीड़ित परिवार को डॉक्टर तक से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह मामला दरभंगा के डीएमसीएच का है जहां एक मां अपने बेटे को हो रही गले में तकलीफ की वजह से मुजफ्फपुर के रहने वाले पड़ोसी की सलाह पर एक माह पूर्व सपरिवार दरभंगा पहुंची।
मिली जानकारी के मुताबिक उस मां के बीमार बेटा का नाम अनुराग है। अनुराग को गले में गिल्टी हो गया है, जिसका ऑपरेशन होना है। बेटे की इलाज कराने आई मां का कहना है कि मुफ्त में इलाज हो जाएगा इस आश में यहां आई थी लेकिन दलाल के चक्कर में पच्चीस हजार रुपये खर्च भी हो गए हैं और कुछ भी इलाज नहीं हुआ है। मरीज की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
पीड़ित परिवार को डॉक्टर तक से मिलने नहीं दिया जा रहा है। रोकने वाला कोई और नहीं बल्कि डीएमसीएच के कर्मचारी ही हैं। जब इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार अस्पताल अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पंहुचा तो मामले की गंभीरता को देखते हुए अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने खुद वार्ड में जाकर मामले की जांच किया और परिवार को जल्द ऑपरेशन होने का आश्वासन दिया।
बता दें कि डीएमसीएच में सिर्फ दलालों की चलती है पूर्व में भी कई ऐसे मामले उजागर हुए हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा कभी भी कार्रवाई तो दूर मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया है।