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रामनाथ कोविंद :: आर्थिक तंगी में बीता बचपन, ट्यूशन पढ़ाकर किया गुजारा

डेस्क : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए एनडीए की तरफ से बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविन्द का नाम की घोषणा की. रामनाथ कोविन्द की शख्सियत के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने के लिए मीडिया की टीम राजभवन पहुंची.

वहां हमारी मुलाकात रामनाथ कोविंद के बड़े भाई रामस्वरूप भारती से हुई. उनसे हमने जाना रामनाथ कोविन्द की जिंदगी के निजी पहलुओं के बारे में, उनके संघर्ष के बारे में और राष्ट्रपति उम्मीदवारी तक पहुंचने के सियासी सफर के बारे में. रामनाथ कोविंद बचपन से ही अभावों में पले बढ़े. 

पांच भाइयों में रामनाथ कोविंद सबसे छोटे हैं. उनका बचपन अभाव में बीता. घर से पैदल स्कूल जाया करते थे. उनके पिताजी दुकान चलाकर घर चलाते थे. कोविंद जब बड़े हुए तो उन्होंने अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया अपनी मेहनत और मेधा के दम पर कोविंद ने उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप हासिल की.

आगे की डगर कठिन थी, फिर भी रामनाथ कोविन्द ने अपनी मेधा के बल पर स्कॉलरशिप हासिल की और लॉ की पढ़ाई के लिए कानपुर पहुंचे. वहीं रामनाथ कोविन्द ने अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की. चूंकि आगे का खर्च भी निकालना था इसके लिए रामनाथ कोविन्द ने कोर्ट में स्टेनो की नौकरी कर ली. 

रामनाथ कोविंद ने इसके बाद IAS के लिए तैयारी शुरू की लेकिन वो सफल नहीं हो पाए. लेकिन ये एक संयोग नहीं था, किस्मत ने उनके लिए इससे भी बड़ी सफलता की इबारत पहले से ही लिख रखी थी.

इसके बाद रामनाथ कोविंद मोरारजी देसाई के संपर्क में आए और जब मोरार जी पीएम बने तो रामनाथ कोविन्द उनके OSD बनाए गए. रामनाथ कोविन्द की जिंदगी का एक पहलू ये भी है कि उन्हें ध्यान लगाना बेहद पसंद है. वो ध्यान की विधा विपश्यना भी कर चुके हैं.

उनके बारे में एक बात और भी दिलचस्प है कि उनके बड़े भाई रामस्वरूप भारती ही उनके ध्यान गुरु भी हैं. ये बातें खुद रामनाथ कोविन्द के बड़े भाई रामस्वरुप भारती ने बताया. रामस्वरूप भारती ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि छोटे से छोटा शख्स भी शिखर पर पहुंच जाता है. 

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बने तो वो एक सफल राष्ट्रपति साबित होंगे, क्योंकि वो लोगों को साथ लेकर चलना जानते हैं, वो लोगों का दर्द, तकलीफ समझते हैं और हर किसी की भावनाओं की कद्र करते हैं.

साभार- ईटीवी बिहार

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