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यूपी में अब तक नही बन पायी हज राज्य कमेटी : अकील खान

राज प्रताप सिंह(उत्तर-प्रदेश राज्य प्रमुख) लखनऊ। योगीराज में यूपी में नहीं है हज राज्य कमेटी उत्तर प्रदेश में हज कमेटी का गठन न होने और नई हज नीतियों के चलते इस बार यूपी में यात्री हज फार्म भरने से कतरा रहे हैं आलम यह है कि आज अंतिम तिथि 12 दिसंबर तक मात्र 29 हजार 568 लोगों ने फॉर्म भरा है यह स्थिति तब है जब 25 दिन के लिए आखिरी तारीख बढ़ाई जा चुकी है अब हज कमेटी आफ इंडिया ने यूपी हज कमेटी की साख बचाने के लिए एक बार फिर हज फार्म जमा करने की तारीख 19 दिसंबर तक बढ़ा दी है जबकि इससे पहले वाली तारीख यानी 17 नवंबर तक 26 हजार 207 यात्रियों के फार्म भरे गए थे इसी वर्ष राज्य हज कमेटी से 32 हजार से अधिक लोग हज करने गए थे और 42 हजार लोगों ने हज जाने के लिए फार्म भरा था पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान ने कहा कि यूपी हज कमेटी की किरकिरी होते देख हज कमेटी ऑफ इंडिया ने अब आवेदन फार्म भरने की आखिरी तारीख 19 दिसंबर कर दी है दरअसल हुआ यूं कि पूर्व काबीना मंत्री मोहम्मद आजम खान की अध्यक्षता वाली यूपी हज कमेटी का कार्यकाल 3 माह से ज्यादा का समय पूर्व 27 अगस्त को खत्म हो चुका है 3 माह से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद अभी तक कमेटी का गठन नहीं हुआ है गौरतलब है कि जैसा कि नाम से भी प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार मुसलमानों के हितों का कितना ध्यान रख रही है यूपी राज्य हज कमेटी का संचालन एक कमेटी करती है यह कमेटी का कार्यकाल खत्म होने से चार-पांच महीने पहले से ही नई कमेटी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है और जिस दिन कमेटी का कार्यकाल खत्म होता है उसी दिन सरकार नई कमेटी का गठन कर देती है ऐसा इसलिए की कमेटी के संचालन में कोई रुकावट न हो लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार मुसलमानों के साथ बदले की भावना से कार्य कर रही है क्योंकि हज राज्यमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जरा सा भी ध्यान हज कमेटी की तरफ नहीं देते हैं इसलिए आज तक उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी का गठन नहीं हुआ है उधर मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जनाब योगी आदित्यनाथ साहब की सरकार के रहते हुए तीन माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद अभी तक नई कमेटी का गठन नहीं किया गया है इससे कमेटी में कोई काम सुचारू रूप से नहीं हो रहा है और यहां फाइलों का अंबार लगा पड़ा है प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान ने बताया कि हज कमेटी का गठन न होने से हाजियों को हज के लिए सऊदी अरब भेजने में दुश्वारियां होंगी ऐसे हालात में अधिकतर हज यात्री आवेदन फार्म भरने से कतरा रहे हैं पहले यह होता था कि हज कमेटी ऑफ इंडिया ने तीन बार लगातार लॉटरी में नाम न आने पर उनको चौथी बार बिना लॉटरी में शामिल किए सीधे चयनित किया था इस वजह से हजारों यात्री सिर्फ इसलिए फार्म भरते थे कि अगर तीन बार मे नंबर नहीं आया तो हमको चौथी बार स्वयं ही चयन हो जाएगा हालांकि इसके लिए उनको हर साल फार्म के साथ ₹300 भी खर्च अधिक करना पड़ता था पिछले साल केंद्र सरकार की नई हज नीति के लिए बनी कमेटी ने रिपीटर हज यात्रियों को का कोटा खत्म करने की संस्तुति कर दी थी इस पर हज कमेटी ऑफ इंडिया ने अपनी मुहर लगा दी थी पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए राज्य हज कमेटी के अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता पर भी उंगली उठाई कहां की इन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से हज पर जाने वाले तमाम मुसलमानों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ता है इसके चलते पिछले साल नवंबर में हज कमेटी ऑफ इंडिया ने आवेदकों का कोटा खत्म हो गया राज्य हज कमेटी में फार्म भरने की तारीख बढ़ने के बाद आज अंतिम दिन 29 हजार 568 यात्रियों ने आवेदन किया है जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 42 हजार पार कर चुकी थी पिछले बार राज्य हज कमेटी को 32 हजार सीटों का कोटा मिला था अगर 19 दिसंबर तक फॉर्म जमा करने वालों की यही रफ्तार रही तो लगता है कि शायद हज कमेटी आफ इंडिया को सीटों के बंटवारे के लिए लाटरी न करवाना पड़े

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