कृषि विज्ञान केंद्र सुखेत में जल जीवन हरियाली कार्यक्रम का एडीएम ने किया उदघाटन
झंझारपुर मधुबनी संवाददाता(डॉ संजीव शमा) : बिहार सरकार मौसम में आ रहे बदलाव को देखते हुए राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान का उदघाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पूरे प्रदेश में एक साथ किया गया ।
संपूर्ण प्रदेश में जल-जीवन-हरियाली योजना के माध्यम से सूबे की सरकार कृषि में क्रांति लाना चाहती है ।
राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए इस जल-जीवन हरियाली अभियान को लेकर लोगों में जागरूकता पहले से ही शुरू कर दी गई थी ।
इस कार्यक्रम के तहत अनुमंडल क्षेत्र के सुखेत गांव स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित जल जीवन हरियाली कार्यक्रम का उदघाटन अपर समाहर्ता दुर्गानन्द झा, डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के एडीआर डॉ.एन के सिंह, प्रो.(डॉ.)सतीश कुमार, प्रो.(डॉ)संजय कुमार निराला, सुखेत कृषि विज्ञान केंद्र के प्रो.डॉ.सर्वेश कुमार एवं झंझारपुर प्रखंड आत्मा अध्यक्ष श्यामचंद्र साह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एडीएम श्री झा ने बताया कि आज के समय जलवायु के अनुकूल खेती करना लाभदायक है ।
कम लागत एवं अधिक पैदावार ही जलवायु अनुकूलन खेती का मुख्य उद्देश्य है । इस योजना के तहत सरकार तालाबों, आहर-पाइन की उड़ाही, पौधे लगाना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और जहां सूखा पड़ता है वहाँ पर नदियों का पानी पहुंचाना । इसके अलावा आने वाले समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा सोलर लाइट इस्तेमाल करने के लिए भी सरकार प्रोत्साहित करेगी । बताते चलें कि यह योजना केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किए गए “प्रधानमंत्री जल जीवन अभियान” की तरह ही है । जिसके लिए केंद्रीय सरकार ने अलग से जल शक्ति मंत्रालय भी बनाया है।
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बिहार सरकार के अनुसार राज्य में हाल के दशकों में बाढ़ और सूखे से हर साल कोई लोग शिकार होते हैं। जिसके लिए आगामी भविष्य में कदम उठाना बहुत जरूरी था। जिन भी तालाबों, कुओं को राजस्व और भूमि सुधार विभाग चिन्हित करेगा। उन पर किए गए लोगों द्वारा अवैध कब्जे को भी सरकार दिसंबर तक खत्म करेगी और उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा ।
पूसा से आए वैज्ञानिक एडीआर डॉ.एनके सिंह ने जलवायु अनुकूल खेती की उपयोगिता एवं खेती की नई पद्धति के विषय में जानकारी दी । जलवायु के अनुकूल खेती कर अपना और देश को अन्न की समस्या को बहुत हद तक हल किया जा सकता है। जल जीवन हरियाली को लेकर जीरो टीलेज मशीन से गेहूं की बुआई करा कर किसानों को डेमो दिखाया गया । प्रखंड क्षेत्र में सरकारी योजना के तहत 100 एकड़ भूमि में खेती करने का लक्ष्य निर्धारण के संबंध में जानकारी दी गई ।
इसके लिये किसानों को केवल खाद की लागत पर खर्च करना होगा । शेष खर्च सरकार द्वारा किया जाना है। कहा गया कि सरकार द्वारा कृषि और किसानों के हित में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसका लाभ प्रदेश के सभी किसान उठा सकते हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा जल-जीवन-हरियाली योजना के उदघाटन की विशेष जानकारी दी गई। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र सुखेत के धीरेंद्र कुमार, बीएओ अरुण कुमार सिंह, किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, प्रगतिशील किसान बेनाम प्रसाद, किसान शिवशंकर महतो, रामचंद्र यादव, महेंद्र यादव, विंदेश्वर राउत, सुभाष मंडल समेत दर्जनों किसान शामिल थे।