डेस्क : मेगा ब्लॉक के बाद वर्ष 2017 से वाचस्पति नगर रेलवे स्टेशन वीरान है और न जाने कब तक वीरान रहेगा। इस स्टेशन से जुड़े लोग निराश हैं। यात्री ,पास होल्डर दैनिक यात्री ,व्यवसायी, चाय पान नाश्ता के दुकानदार और रिक्शा,टमटम और टेम्पो चला कर गुजारा करने वाले लोग आदि परेशान हैं। बताते चलें कि स्व.ललित बाबू के प्रयास से वर्ष 1974 से यह रेल ट्रैक बनना शुरू हुआ था। मीटर गेज रेल ट्रैक की आयु मात्र 41 वर्ष रही थी। 23 मई 2017 को मेगा ब्लॉक किया गया। लोग खुश थे कि ब्रॉड गेज से रेल सुविधाओं में वृद्धि होने के साथ साथ दूरगामी यात्रा भी सम्भव हो सकेगी। उस समय लोगों को बताया गया था कि एक साल में ही मेगा ब्लॉक हटा लिया जाएगा और गाड़ियां दौड़ने लगेगी। तकरीबन 4 वर्ष बीत रहे हैं। अबतक न तो रेल पथ बना है , न प्लेटफॉर्म और स्टेशन भवन। रेल पटरियां भी नहीं बिछाई गई है। बताते चले कि लौकहा महत्वपूर्ण रेलखंडों में से एक है। यह नेपाल सीमा से जुड़ा है। लौकहा, खुटौना, वाचस्पतिनगर, महरैल रेलवे स्टेशन और पटेल नगर, बड़हरा,चन्देश्वरस्थान एवं झंझारपुर बाजार हाल्ट स्टेशन थे। सभी स्टेशन और हाल्ट वीरान है और जुड़े लोग बेसब्री से मेगा ब्लॉक टूटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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