मधुबनी : जिले में पोषण पखवाड़ा अभियान के तहत सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी सेविकाओं व आशाओं के द्वारा गृह भ्रमण किया गया। इस दौरान जिले के राजनगर, रहिका, खजौली, जयनगर, झंझारपुर, फुलपरास, घोघरडीहा, मधवापुर, समेत सभी प्रखंड के टोला-मुहल्ले का भ्रमण कर गर्भवती महिलाओं को एएनसी जांच, स्तनपान,पूरक आहार की जानकारी दी गयी।
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गृह भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं को बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान चार प्रसव पूर्व जांच एवं टिटनेस का टीका सुरक्षित प्रसव के लिए जरूरी होता है। समय पर प्रसव पूर्व जाँच नहीं होने एवं बेहतर पोषण के आभाव के कारण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी आ जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान न देने पर महिला कमजोर हो जाती हैं। जिसके कारण पैदा होने वाला बच्चा कमजोर होता है, जो कि कुपोषण के शिकार हो जाते है। ऐसी स्थिति न पैदा हो इसके लिए गर्भवती महिला को बेहतर देखभाल की जानाकरी दी गयी तथा पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी गयी।
180 गोलियां जरूर लेनी चाहिए:
गर्भावस्था के तीसरे महीने के बाद महिला को आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए। इसके लिए उन्हें निःशुल्क 180 आयरन की टेबलेट दी जाती है। प्रसव के बाद ही नवजात को बेहतर देखभाल की जरूरत होती है जिसमें बच्चे के जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत एवं 6 माह तक केवल स्तनपान बेहद जरूरी माना जाता है। कंगारू मदर केयर एवं निमोनिया प्रबंधन मुख्य रूप से नवजात के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है।
आखिरी दिनों में पोषण का रखें ख्याल:
भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी सेविका द्वारा गर्भवती महिलाओं को बताया गया कि आखिरी महीने में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इस दौरान आहार में प्रोटीन विटामिन कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ वसा की भी मात्रा होना जरूरी होता है. इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को साप्ताहिक पुष्टाहार भी वितरित किया जाता है .इसके साथ महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध भोज्य पदार्थों के सेवन से भी अपने पोषण का ख्याल आसानी से रख सकती है.
प्रसव के बाद नवजात की ऐसे करें देखभाल:
• जन्म के शुरूआती 1 घन्टे में स्तनपान की शुरुआत एवं अगले 6 माह तक केवल स्तनपान
• बच्चे को गर्म रखने एवं वजन में वृद्धि के लिए कंगारू मदर केयर
• गर्भ नाल को सूखा रखें. ऊपर से कुछ भी ना लागएं
• 6 माह के बाद स्तनपान के साथ शिशु को सम्पूरक आहार
• निमोनिया एवं डायरिया होने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह
• बच्चे में किसी भी खतरे के संकेत मिलने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह
आईसीडीसीएस के जिला कार्यक्रम अधिकारी रश्मि वर्मा ने बताया पोषण पखवाड़ा में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं आशाओं के नियमित गृह भ्रमण पर ज़ोर दिया जा रहा है। गृह भ्रमण के दौरान शिशुओं के बेहतर पोषण के साथ गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले खतरे, संस्थागत प्रसव व परिवार नियोजन के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। साथ ही शिशुओं के बेहतर पोषण के लिए शिशु जन्म के शुरुआती एक घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत एवं 6 माह तक केवल मां का दूध पिलाना है।