उत्तर बिहार में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को खोजने, उन्हें इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने और इसकी जानकारी तुरंत मुख्यालय को देने की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए हर जिले में एक कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन किया है। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी इन मामलों पर नजर रखेगी।
- बड़ी कार्रवाई :: BPSC पास शिक्षकों को ससमय नहीं दी सैलरी तो के के पाठक ने सभी DEO और DPO के वेतन पर लगाई रोक
- बड़ा खुलासा :: कोविशील्ड वैक्सीन का साइड इफेक्ट आया सामने, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
- चुन्ना अपहरण मामले में लालबाबू समेत 9 दोषी करार, 15 मई को सजा पर होगी सुनवाई
- Corex पीकर नशे में पहुंचा दूल्हा, शादी के मंडप में दुल्हन ने उठाया बड़ा कदम
- बिहार ANM बहाली पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 10709 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलों में कोरोना वायरस की निगरानी के लिए कॉर्डिनेशन कमेटी गठित की है। सभी जिलों के डीएम को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, पुलिस अधीक्षक, डीडीसी, सूचना जनसंपर्क अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पशुपालन अधिकारी व जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को इसका सदस्य बनाया गया है। वहीं, सभी जिलों के सिविल सर्जन इसके सदस्य सचिव बनाए गए हैं। नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त व नगर पालिका व नगर परिषद क्षेत्र में कार्यपालक पदाधिकारी भी इसके सदस्य होंगे।
मुख्य सचिव ने आदेश दिया है कि कॉर्डिनेशन कमेटी कोरोना के संदिग्ध मामलों पर नजर रखेगी। कोई मामला सामने आने पर उसके उपचार की व्यवस्था करेगी और प्रतिदिन मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजेगी। उत्तर बिहार में कोरोना के खतरे के देखते हुए कमेटी को इसके लक्षण व बचाव के प्रति जागरूक करने की भी जवाबदेही सौंपी गई है।
दरभंगा व मुजफ्फरपुर में कोरोना का संदेश होने पर लगातार जांच की जा रही है। होली पर घर लौटने वालों को लेकर भी प्रशासन आशंकित है। युद्धस्तर पर उनकी छानबीन व जांच की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। विदेश यात्रा से लौटने वाल हर व्यक्ति की जांच के निर्देश दिए गए हैं।