मधुबनी : जिले में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे बचाव को लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है तथा जांच में तेजी लाने के लिए नए नए उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
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स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार सदर अस्पताल में आरटी पीसीआर लैब अधीस्थापित किया जाएगा। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव कौशल किशोर ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है, जिसके अनुसार आगामी 15 दिन में इस लैब को स्थापित करना है। आवश्यक मशीन के उपकरण का अधीस्थापन बीएमएसआईसीएल द्वारा किया जाएगा। इस क्रम में बुधवार को बीएमएसआईसीएल के अभियंता द्वारा सदर अस्पताल में स्थल का निरीक्षण किया गया।
- सदर अस्पताल के सभा कक्ष में जल्द अधिष्ठापित होगी आरटीपीसीआर मशीन
- सटीकता के साथ समय एवं संसाधनों की होगी बचत,
- आरएमआरआइ व अन्य मेडिकल कालेज नहीं भेजा जाएगा सैंपल.
नशा मुक्ति केंद्र के सभाकक्ष में स्थापित होगा आरटीपीसीआर लैब
सदर अस्पताल प्रभारी अधीक्षक डॉ. डीएस मिश्रा ने बताया, बिहार में ऐसा पहली बार हुआ है कि आरटीपीसीआर लैब मेडिकल कॉलेज से बाहर किसी जिले में स्थापित किया जा रहा है। जिले के सदर अस्पताल नशा मुक्ति केंद्र भवन के अवस्थित सभा कक्ष में आरटी पीसीआर लैब स्थापित किया जाएगा। जारी पत्र के अनुसार लैब के लिए 1200 स्क्वायर फीट स्थान की आवश्यकता है। इस चिन्हित स्थल की जानकारी से बीएमएसआईसीएल तथा स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा दिया गया है।
आरटीपीसीआर कोरोना जांच की पुष्टि करने में है अधिक कारगर:
डॉ. डीएस मिश्रा ने बताया, कोरोना के संभावित मरीजों की पुष्टि में यह लैब सबसे अधिक सक्षम एवं विश्वसनीय लैब है। इस बात की पुष्टि आईसीएमआर भी करती है। लैब के स्थापित हो जाने से पटना को सैंपल भेजे जाने में लगने वाले समय तथा संसाधन की बचत हो सकेगी
आरटीपीसीआर टेस्ट क्या है :
कोरोना वायरस की जांच का तरीका है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। आरएनए वायरस का जेनेटिक मटीरियल है। जांच प्रक्रिया में नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में ही किए जाते हैं। जांच रिपोर्ट आने में 06 से 24 घंटे का समय लगता है।