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कोटा और प्रयागराज के बाद नोएडा -दिल्ली से भी यूपी के छात्रों को वापस लाने की तैयारी में योगी सरकार

राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए है कि नोएडा के साथ दिल्ली से भी उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए वहां की सरकार से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने कहा कि नोएडा, गाजियाबाद तथा अलीगढ़ से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वापस जाने वाले छात्रों की सूची तैयार करायी जाए। 
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लोकभवन में टीम 11 के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रदेश वापसी से पूर्व, प्रवासी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाए।मुख्यमंत्री  ने कहा  कि प्रदेश के बाॅर्डर को पूरी तरह सील किया जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए।  नेपाल राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाये। उन्होंने कहा कि 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेन्टर व शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन तैयार किये जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके। क्वारंटीन सेन्टर व शेल्टर होम स्थापना के लिए बड़े काॅलेजों का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारंटीन किये गये लोगों की निगरानी के लिए निगरानी समितियां गठित की जाएं। इन समितियों में युवक मंगल दल, नेहरू युवा केन्द्र, एनएसएस, एनसीसी आदि का सहयोग लिया जाए। भोजन तैयार करने में भी महिला स्वयंसेवी समूहों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम से प्रवासी श्रमिकों को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरान्त घर भेजा जाए। घर भेजते समय सभी श्रमिकों को राशन की किट उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त वेंटिलेटर्स की तात्कालिक आवश्यकता होने पर पोर्टेबल वेंटिलेटर्स मंगाए जाएं। सभी जिलो में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके। एल-2 अस्पताल में प्रत्येक बेड पर आॅक्सीजन तथा एल-3 चिकित्सालय में प्रत्येक बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। कोविड-19 का उपचार करने में सक्षम निजी चिकित्सालयों को उपचार की अनुमति दी जाए। 
मुख्यमंत्री  ने कहा कि  दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा तथा लखनऊ स्थित केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान , भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान  तथा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान जैसे  शोध संस्थानों की टेस्टिंग क्षमता का उपयोग करने पर विचार किया जाए। सहारनपुर में एक लैब क्रियाशील की जानी चाहिए। प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर टेस्टिंग लैब  होनी चाहिए। एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश टेस्टिंग क्षमता की दृष्टि से देश का नम्बर वन राज्य बन जाए।
आयुष के चिकित्सकों, नर्सिंग तथा पैरामेडिकल के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में 52 हजार बेड की व्यवस्था करते हुए, इसे चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर 01 लाख बेड किया जाना है।  प्रत्येक खाद्यान्न गोदाम व  राशन की दुकान  में एक अधिकारी तैनात किया जाए।

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