लखनऊ-सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आबादी के आधार पर ह़क और सम्मान की व्यवस्था जब तक लागू न हो तब तक सरकारी योजनाओं में आनुपातिक भागीदारी मिलनी चाहिए। समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो यह व्यवस्था लागू की जाएगी। फिलहाल समाजवादी पार्टी की मांग जातीय जनगणना की है ताकि संख्या के हिसाब से भागीदारी तय हो सके।
अखिलेश यादव ने यह बात रविवार को सपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जो गरीब व्यवस्था का शिकार है वही समाज की दौड़ में पिछड़ा हुआ है। जिनके पास दौलत है, सत्ता की ताकत है वही लोग आगे हैं।
भाजपा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के साथ समाज व्यवस्था को उलझाने की रणनीति बनाने में लगी है। भाजपा सरकारें निष्क्रियता की शिकार हैं। श्री अखिलेश यादव ने कहा कि स्वतंत्र भारत में किसानों और नौजवानों की आत्महत्या तो अब सामान्य घटनाएं मानी जा रही है। शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन कार्य में लगे शिक्षक और शिक्षामित्र भी सैकड़ों की संख्या में आत्महत्या कर चुके हैं।
पढें यह भी ख़बर – लखनऊ:अखिलेश ने ट्वीट कर सीएम योगी को याद दिलाया राजधर्म!
महिलाओं का उत्पीड़न जारी है। बच्चियां तक सुरक्षित नहीं है। हत्या, लूट, अपहरण की बढ़त ही भाजपा की उपलब्धि है। किसान बदहाल है। मक्का, धान, गेंहू की खरीद में किसी को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला। गन्ना किसानों का बकाया नहीं दिया गया है। जबकि दो लाख 41 हजार करोड़ का कर्ज पूंजीपतियों का माफ कर दिया गया है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के प्रति जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भाजपा सरकारों के प्रति मोहभंग हुआ है। लोग कह रहे हैं कि इनके अच्छे दिनों से तो उनके पुराने दिन ही अच्छे थे। भाजपा के वादों और कामों पर अब किसी को विश्वास नहीं रहा है। अब विकास का झांसा नहीं सबको चुनाव का इंतजार है।