हालांकि उन्होंने पत्र में आक्रोशित दलित युवकों से शांति की भी अपील की है।डॉ अशोक ने पत्र में लिखा है कि एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किया जा रहा है
लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह
एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए संशोधन और अन्य मुद्दों से आहत अपर पुलिस अधीक्षक डॉ बीपी अशोक ने सोमवार को इस्तीफे की पेशकश कर दी।पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय में तैनात एएसपी अशोक ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में 7 मांगों को मानने या इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है, “इस परिस्थिति में मुझे बार-बार यही विचार आ रहा है कि अब नहीं तो कब, हम नहीं तो कौन” उन्होंने पत्र की एक प्रति पुलिस महानिदेशक को भी भेजी है।
हालांकि उन्होंने पत्र में आक्रोशित दलित युवकों से शांति की अपील भी की है।डॉ अशोक ने पत्र में लिखा है कि एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किया जा रहा है।संसदीय लोकतंत्र को बचाया जाए।रूल ऑफ़ जज, रूल ऑफ़ पुलिस की जगह पर रूल ऑफ़ लॉ का सम्मान किया जाए।
उन्होंने आगे लिखा, महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व अभी तक नहीं दिया गया है।उच्च न्यायालयों में एससी, एसटी, ओबीसी और माइनॉरिटी महिलाओं को अभी तक प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है।प्रमोशन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।श्रेणी 1 से 4 तक इंटरव्यू युवाओं में आक्रोश पैदा करते हैं।सभी इंटरव्यू खत्म किए जाएं जाति के खिलाफ स्पष्ट कानून बनाया जाए।
बसपा से रही है नजदीकियां
एएसपी अशोक बसपा से नजदीकियों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं।हालांकि बसपा शासन में एएसपी सिटी लखनऊ (पूर्वी) के रूप में तैनाती के दौरान पत्रकारों से अभद्रता पर उन्हें निलंबित भी किया गया था।इस प्रकरण में पत्रकारों ने तत्कालीन सीएम मायावती के आवास पर देर रात तक हंगामा किया था।
इतना ही नहीं, बसपा शासन में अखिलेश यादव को गिरफ्तार कर इन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थी। डॉ.अशोक दलित मूवमेंट से जुड़े रहे हैं।उनके पिता व सेवानिवृत्त आईपीएस देवी प्रसाद अशोक भी बहुजन आन्दोलन से जुड़े रहे हैं।उन्हें कांशीराम का करीबी माना जाता था।