दरभंगा : जहाँ नोटबंदी के कारण एक डाक्टर ने अपने निजी क्लिनिक में मुफ्त में रोगियों का ईलाज करने का बीड़ा उठाया और मानवता की मिसाल पेश की वहीं दूसरी ओर लहेरियासराय स्थित आर बी मेमोरियल हाॅस्पीटल में अस्पताल प्रबंधन ने एक शव को 12 घंटे बंधक बनाकर रखा. मृतक के परिजन अस्पताल का बकाया चुकाने के लिए पुराने बड़े नोट दे रहे थे, जिसे लेने के लिए अस्पताल प्रबंधन तैयार नहीं था. बाद में परिजनों ने पुलिस से शिकायत की. इसके बाद मामला सुलझ सका.
मिली जानकारी के मुताबिक उक्त अस्पताल में मधुबनी निवासी मो. इलियास की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद परिजन अस्पताल का बकाया चुकाकर शव को ले जाना चाहते थे. परिजनों के पास हजार व पांच सौ के पुराने बड़े नोट थे, जिसे लेने से अस्पताल ने इंकार कर दिया. अस्पताल ने बकाया नहीं चुकाने का हवाला देकर शव को बंधक बना लिया. इससे परेशान परिजनों ने पुलिस में शिकायत की. करीब 12 घंटे बाद पुलिस के हस्तक्षेप पर अस्पताल ने मामला सुलझाकर शव को परिजनों के हवाले किया.
गौरतलब है कि अपने निजी क्लिनिक में मुफ्त में ईलाज करने वाला डाक्टर भी इसी अस्पताल में कार्यरत है और इसी अस्पताल के ओपीडी में अपना निजी प्रैक्टिस भी करते हैं उसी अस्पताल में दूसरी तरफ ऐसा हादसा वाकई अस्पताल प्रबंधन को उस डाक्टर से सबक लेने की है.