डेस्क : लोकसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच बिहार की सियासत एक अलग मोड़ पर है। यहां हर रोज नए बयान से सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब आरजेडी से बागी हुए पूर्व सांसद अली अशरत फातमी ने एक बड़ा खुलासा किया है। फातमी के मुताबिक 1997 में चारा घोटाले के मामले में लालू को जेल भेजने के लिए शरद यादव ने साजिश रची थी।
एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में फातमी ने कहा, शरद यादव ने यह पूरा षडयंत्र रचा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री सीएम इब्राहिम के आवास पर पूर्व सीबीआई निदेशक जोगिंदर सिंह भी मौजूद थे, जहां लालू यादव को जेल भेजने की योचना बनी थी। बीजेपी, नीतीश कुमार, कांग्रेस या शिवानंद तिवारी नहीं बल्कि वह शरद यादव हैं, जिनके कारण 1997 में चारा घोटाले के मामले में लालू यादव जेल गए थे।
- पत्रकार के साथ लहेरियासराय थाना की पुलिस ने किया दुर्व्यवहार, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई का दिया आदेश
- Meet one of Bihar’s youngest entrepreneur RAJESHWAR RANA
- लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों को संरक्षण दे रहा है केंद्र सरकार – डॉ मुन्ना खान
- मिथिला के चाणक्य होटल मैनेजमेंट कॉलेज को मिला ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ होटल मैनेजमेंट कॉलेज 2024’ का सम्मान
- कई सीनियर IAS अधिकारियों का तबादला, यहां देखें पूरी लिस्ट…
फातमी ने कहा कि मैंने अपनी आंखों से ये सब देखा है और लालू जी को सबसे पहले आगाह किया था कि आप किसी भी वक्त जेल जा सकते हैं इसीलिए अपने जेल जाने से पहले राबड़ी जी को सीएम घोषित कीजिए। उन्होंने आश्चर्य से पूछा था कि कौन मानेगा? मैंने ही कहा था कि सब ठीक हो जाएगा, आप जल्दी कुछ कीजिए। लालू ने मेरी बात मानी और राबड़ीजी को आनन-फानन में सीएम घोषित किया और जबतक ये सब हुआ तबतक उनकी गिरफ्तारी की खबर आ गई। फातमी ने बताया कि लालू यादव ने कोई चारा घोटाला नहीं किया था। उन्हें पार्टी की अंदरूनी कलह के कारण फंसाया गया और जेल भेजा गया था। लालू जी के मेरे ऊपर कई एहसान हैं, लेकिन दुख होता है कि उन्होंने मुझे टिकट नहीं देकर उन लोगों को टिकट दिया जिन्होंने उनकी पीठ में छुरा घोंपा था।
शरद यादव का इस पर टिप्पणी से इनकार
उधर, जब इस बारे में शरद यादव से बात की गई तो उन्होंने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा, मैं नहीं जानता कि फातमी ने शरद यादव के खिलाफ किस षडयंत्र को लेकर बयान दिया है। मेरे पास इसे पुष्ट करने का कोई स्रोत भी नहीं है। हालांकि इस मामले बारे में उसने मुझे भी जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि राजद से बेटिकट होने से नाराज होकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी ने बगावती तेवर अपनाते हुए बसपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था। इससे पूर्व उन्होंने राजद के सभी पदों समेत पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।