आयुषी प्रियादर्शी : प्रत्येक व्यक्ति में बाल गिरने के कारण अलग-अलग हैं, कुछ लोग फैशन के कारण बालों में एक्सपेरीमेंट करते हैं तो कुछ लोग अपनी इच्छा से गंजे होते हैं। लेकिन गंजेपन के लिए जेंडर भी जिम्मेदार है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं गंजेपन का शिकार कम होती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नही कि महिलाएं इसका शिकार नही होती हैं।
डाइट चार्ट के कारण
बालों के गिरने का सबसे बड़ा कारण है खान-पान में लापरवाही। अगर आपके डाइट चार्ट में आयरन और प्रोटीन की कमी वाले खाद्य-पदार्थ हैं तो आप भी गंजे हो सकते हैं। इसलिए बालों को गिरने से बचाने के लिए प्रोटीन और आयरनयुक्त खाद्य-पदार्थ ज्यादा मात्रा में खाइए। हरी-पत्तेदार सब्जियां, अंडे आदि को अपने डाइट चार्ट में शामिल कीजिए।
उम्र के कारण
बढ़ती उम्र भी गंजेपन का कारण है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे हार्मोन्स प्रभावित होते हैं और बाल गिरने लगते हैं। लेकिन अगर बालों की देखभाल अच्छे से की जाए तो बढ़ती उम्र में भी बालों का गिरना कम किया जा सकता है।
हेयरस्टाइल
बालों को संवारने के तरीके से बाल गिरते हैं। अगर आप बालों को कसकर बांधेंगे तो बालों के रोम (फोलिकल्स) में रक्त का संचार अच्छे से नही हो पाता जिसके कारण रोम मर जाते हैं और बाल गिरने लगते हैं। इसलिए ऐसा हेयरस्टाइल चुनिए जिससे बालों के रोम में रक्त संचार अच्छे से हो।
दवाओं का प्रयोग
युवावस्था में महिलाओं द्वारा गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा प्रयोग करने के कारण गंजेपन की समस्या हो सकती है। गर्भनिरोधक गोलियां खाने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। कीमोथेरेपी भी गंजेपन का कारण हो सकता है। सरदर्द, थॉयराइड और बुखार की गोलियां भी बालों के गिरने का कारण हैं।
अनुवांशिक कारण
अनुवांशिक कारणों से भी गंजेपन की समस्या होती है। अगर घर में किसी को जैसे दादा, पिता या चाचा में पहले गंजेपन की समस्या रही हो तो आपमें भी गंजापन आ सकता है।
इंफेक्शन
सिर में किसी भी प्रकार के फंगल इंफेक्शन के कारण भी आपके बाल उड़ने लगता है। इंफेक्शन के कारण जगह-जगह से बाल निकलने लगते हैं और गंजापन आने लगता हैं। लेकिन इलाज के बाद इसे ठीक किया जा सकता है।
रसायन युक्त पदार्थों का इस्तेमाल
आजकल का बदलता फैशन न केवल कपड़ों पर प्रभाव डाल रहा है बल्कि बालों में भी अनेक प्रकार के बदलाव आ रहे हैं। फैशन के साथ कदम मिलाने के चक्कर में लोग अपने बालों के साथ भी नए-नए प्रयोग करते हैं। और बालों में कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल करते है। बालों पर अत्यधिक रसायन के इस्तेमाल से बाल झड़ने लगते है और गंजापन आने लगता है।
हार्मोनल बदलाव
बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव से भी गंजेपन की समस्या होती है। अगर महिलओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है तो उनमें गंजेपन की समस्या हो सकती है। यह समस्या हाइपरथायरॉयड व हाइपोथॉयरॉयड की स्थिति में भी हो सकती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ जब सेक्स हार्मोन का स्तर कम होता है तो भी गंजापन की समस्या पुरुषों में अधिक होती हैं।
तनाव
बहुत अधिक तनाव भरी जीवनशैली भी गंजेपन की समस्या की एक बड़ी वजह है। आजकल की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हमारे शरीर से बड़ी मात्रा में ऊर्जा बाहर निकलती है, जिसके कारण तनाव का स्तर बढ़ जाता है। और इस बढ़ते हुए तनाव के कारण बाल झड़ने लगते हैं।
स्टेरॉयड के इस्तेमाल
बॉडी बनाने के लिए किए गए स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से बालों के गिरने की समस्या होती है। कई शोधों से यह बात भी साबित हो चुकी है कि स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से हार्मोन असंतुलन हो जाते है जिससे गंजेपन की समस्या हो सकती है।