सरकारी क्रय केंद्र न खुलने से किसान परेशान
राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लॉकडाउन में किसानों के फसल की समय से कटाई नहीं हो पा रही है। फसल काट भी ले तो बेचे कहां? सरकारी क्रय केंद्र खुले नहीं है। आने-जाने के रास्ते बंद हैं। किसान औने पौने दाम पर आढ़तियों और बिचैलियों को फसल बेचने पर मजबूर हैं।
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अखिलेश ने मंगलवार को जारी बयान में कहा है कि राज्य की मंडियों में किसान गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। दर्जनों मंडियों में एक अनुमान के मुताबिक 50 हजार कुंतल से ज्यादा गेहूं लेकर पहुंचे किसान धक्के खा रहे हैं। सरकारी लापरवाही से किसानों के सामने घोर संकट खड़ा हो गया है। भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीति से तीन सालों में सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हालत यह है कि किसानों को घोषित समर्थन मूल्य भी मिलने की स्थिति में नहीं है। किसानों की अतिवृष्टि के कारण जो फसल नष्ट हो गई उसका भी पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि राज्य सरकार किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति के लिए अलग से मुआवजा दे। गन्ना किसानों का पूरा बकाया तत्काल भुगतान कराएं। किसानों की फसल खरीद के लिए तुरन्त क्रय केंद्र खोले और वहां तक जाने के लिए किसान को सुविधाएं दें।