डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 60वीं से 62वीं का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है. मधुबनी जिले के घोघरडीहा निवासी सुशान्त कुमार चंचल ने टॉप रैंकिंग पाई है. सुशांत फिलवक्त प्रशिक्षु डीएसपी के रूप में राजगीर में ट्रेनिंग ले रहे हैं.दूसरे स्थान पर आमिर और तीसरे स्थान पर श्रेया है.
घोघरडीहा नगर पंचायत के वार्ड नौ निवासी फूल कुमार झा और विशेखा देवी के पुत्र 27 वर्षीय सुशांत कुमार चंचल ने प्रथम प्रयास में 56 से 59 वीं परीक्षा में 88 वां रैंक प्राप्त किया था, अभी राजगीर में प्रशिक्षु डीएसपी के पद पर हैं. नौकरी मिलजाने के वावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी राखी और आखिरकार वो टॉप करने में सफल रहे .
कटऑफ इस प्रकार हैं
श्रेणी —————————अंक
सामान्य श्रेणी——————591
सामान्य श्रेणी महिला——————584
एससी——————————-552
एसएसी श्रेणी महिला——————541
एसटी—————————-561
एसटी श्रेणी महिला——————585
ईबीसी—————————–581
ईबीसी श्रेणी महिला——————561
बीसी—————————-584
बीसी श्रेणी महिला——————577
बीसीएस————————557
दिव्यांग (वीआई)——————488
दिव्यांग (डीडी )——————511
दिव्यांग (ओएच)——————538
बता देें कि टॉपर सुशांत कुमार चंचल को 1020 अंक की कुल परीक्षा में 727 मार्क्स प्राप्त हुए. चंचल कुमार लिखित परीक्षा के भी टॉपर रहे थे. इनका विषय अर्थशास्त्र है. वहीं दूसरे स्थान पर आमिर अहमद रहे हैं. इन्हें 714 अंक प्राप्त हुए हैं. इनका विषय समाजशास्त्र था. वहीं तीसरे टॉपर श्रेया कश्यप हैं. इन्हें 710 अंक मिले हैं. ये दर्शनशास्त्र विषय से हैं. परीक्षा नियंत्रक अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि 642 परीक्षार्थियों का फाइनल रिजल्ट निकाला गया है. आयोग ने फाइनल परीक्षा का रिजल्ट आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया है. आयोग की ओर से कटऑफ भी जारी कर दी गई है. इस परीक्षा में कुल 1650 परीक्षार्थियों को बुलाया गया था. इसमें 1591 परीक्षार्थी शामिल हुए थे.
सबसे ख़ास बात ये है कि बिहार लोक सेवा आयोग की 60वीं, 61वीं,62वीं सम्मिलित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के तीनो टॉपर सामान्य परिवार से आते हैं. तीनों ने अपने कठिन परिश्रम की बदौलत ये शानदार प्रदर्शन किया है.तीनों के माता पिता का यहीं कहना है कि उन्हें अपने बच्चों पर नाज है. सुशांत कुमार कहते हैं कि किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए केवल नियमितरुप से 8 घंटे पढ़ाई करने की जरुरत है.सुशांत कुमार रिजल्ट से संतुष्ट हैं.तीसरा स्थान पानेवाली श्रेया कहती है कि उन्हें तो उम्मीद ही नहीं थी कि उन्हें तीसरा स्थान मिलेगा.अपनी सफलता का राज बताती हुई वो कहती हैं-‘ परिवार का भरोसा, प्यार और थोड़ी सी मेहनत से उन्होंने यह सफलता पाई है.