पटना ब्यूरो (संजय कुमार मुनचुन) : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह दावा कर रहे हैं कि कोरंटाइन सेंटरों में सभी सुविधाओं की पूरी व्यवस्था की गई है ।
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साथ ही प्रवासियों के जरूरतों का पूरा ख्याल रख रही है लेकिन बिहार के कटिहार से एक ऐसा मामला सामने आया है जो सीएम नीतीश कुमार के दावे को पूरी तरह फेल करती नजर आ रही है। क्वारंटीन सेंटर में सुविधाएं नहीं मिलने से आक्रोशित प्रवासियों ने वहां से भागने में ही भलाई समझी इसलिए ताला तोड़कर लगभग 20 प्रवासी मजदूर को क्वारंटीन सेंटर से भाग गए।
मिली जानकारी के मुताबिक कटिहार के ऋषि भवन में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से सोमवार की दोपहर प्रवासी मजदूरों के भागने के मामले को जिलाधिकारी कंवल तनुज ने गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई की है। डीएम ने क्वारंटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछते ही अगले आदेश तक वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
वहीं पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने क्वारंटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार यादव को निलंबित कर दिया। निरीक्षण के क्रम में अग्रसेन भवन एवं विनायक होटल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड के लिए प्रतिनयुक्त दंडाधिकारी को ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहने को लेकर जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण पूछा है।
बताते चलें कि सोमवार को ऋषि भवन में आवासित मजदूरों ने भोजन सहित अन्य सुविधा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। दोपहर बाद गेट का ताला तोड़ प्रवासी मजदूर भाग गए थे। जिलाधिकारी ने बताया कि फरार दस मजदूरों को पुलिस ने ढूढ़ निकाला है। इस मामले में पांच मजदूरों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। इन मजदूरों ने पंजीयन में अपना पता पश्चिम बंगाल का बताया था, जबकि सभी आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले थे।