डेस्क : बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने जदयू की सदस्यता ले ली है. पार्टी के बड़े नेता ललन सिंह और अशोक चौधरी के साथ नीतीश कुमार ने उन्हें सदस्यता दिलाई . जेडीयू नेता ललन सिंह ने कहा गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 5 महीना बचा हुआ था लेकिन उन्होंने स्वेच्छिक सेवा निवृति लेकर पार्टी की सदस्या ग्रहण की. पूर्व डीजीपी जेडीयू परिवार का हिस्सा हो गए हैं.
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ललन सिंह ने कहा कि पार्टी को ऐसे नेतृत्व की जरूरत थी. राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इन्हें सदस्यता दिलाई है. कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि जिस प्रभावशाली तरीके से गुप्तेश्वर पांडेय ने पुलिस महकमे को संभाला, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि पार्टी के अंदर भी उनकी बड़ी भूमिका रहेगी.
पूर्व डीजीपी और अब जेडीयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि वह शुरू से ही सीएम नीतीश के काम से प्रभावित रहे हैं. हर तरीके से उन्होंने पुलिस को सहयोग करने का काम किया. सीएम नीतीश किसी भी प्रकार के प्रशासनिक कार्रवाई में आज तक हस्तक्षेप करने का काम नहीं किया.
गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि “मैं शुरू से ही उनसे (नीतीश कुमार) प्रभावित रहा हूं जिस तरह से पुलिस को सहयोग करने का काम, आपराधिक और असामाजिक तत्वों के प्रति पूरी सख्ती बरतने के आदेश दिए. किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई में किसी भी तरह का हस्तक्षेप उन्हें बर्दाश्त नहीं था ये बात मुझे बहुत अच्छी लगी.” जेडीयू की ओर से उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
गुप्तेश्वर पांडेय ब्राह्मण समाज से आते हैं। ऐसे में यह भी कयास लग रहे हैं कि दक्षिण बिहार में जदयू ब्राह्मण नेता के तौर पर पांडेय को पेश कर सकती है। यही नहीं पाण्डेय को शाहाबाद के इलाके कि गहरी समझ और पैठ है। ऐसे में JDU शाहाबाद के इलाकों में पांडेय को आने वाले चुनाव में अच्छा उपयोग करेगी और उन्हें एक ब्राह्मण नेता के तौर पर जनता से रूबरू कराएगी।
चाहे जो हो लेकिन एक बात तो तय है कि गुप्तेश्वर पाण्डेय जिस तरह से अपने पुलिस सर्विस के दौरान बेदाग़ रहे वैसे ही अपने राजनीतिक जीवन में भी रहे तो अच्छा है। फिर उन्होंने खुद भी तो कहा है वह प्रशासन एवं पुलिसिंग के मामले में वे बिल्कुल सख्त हैं । उनका वीजन बहुत स्पष्ट है ।वह न किसी प्रकार का नाजायज राजनीतिक हस्तक्षेप करते हैं और न कोई सत्तारुढ दल का व्यक्ति यह कार्य करे, उसे बर्दाश्त करते हैं ।