लखनऊ।मामला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के बाद का है। झूलेलाल वाटिका में अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के बाद उस समय हंगामा खड़ा हो गया।
लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर से मारपीट करने के मामले में फरार चल रहे आरोपी प्रशांत मिश्रा को बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी और उनके गुर्गों के द्वारा पुलिस हिरासत से छुड़ाये जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है।इस मामले में बीकेटी से बीजेपी विधायक ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा कि ‘मैं अटलजी के अस्थिकलश कार्यक्रम में शामिल होने लखनऊ आया हुआ था, लौटते समय पुलिस और लोगों में विवाद होता देखा तो एक शांतिप्रिय नागरिक के तौर पर समझौता करवाने बीच में पड़ गया।मेरी मौजूदगी में कोई हाथापाई नहीं हुई”बीजेपी विधायक ने आगे कहा, ” मैंने ही पुलिस को सूचना दी। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगे सारे आरोप बेबुनियाद हैं। वीडियो में आप साफ देख सकते है”
मामला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के बाद का है। झूलेलाल वाटिका में अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के बाद उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब हसनगंज कोतवाली के एलयू चौकी प्रभारी अभय सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता प्रशांत मिश्रा को हिरासत में लेने की कोशिश की। दरअसल प्रशांत मिश्रा के खिलाफ एनबीडब्लू वारंट जारी है।पुलिस को लंबे समय से प्रशांत मिश्रा की तलाश थी। गिरफ्तार न कर पाने के कारण अदालत भी पुलिस को लगातार फटकार लगा रही थी।
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इसके चलते गुरुवार को जैसे ही पुलिस ने प्रशांत मिश्रा को बीकेटी से विधायक प्रशांत त्रिवेदी और उनके गुर्गों के साथ देखा तो उसको हिरासत में लेने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी और उनके गुर्गों को पुलिस की यह बात नागवार गुजरी। एनबीडब्ल्यू के वारंटी प्रशांत मिश्रा को बचाने के लिए खुद विधायक अविनाश त्रिवेदी और उनके गुर्गे पुलिस से बदसलूकी करने लगे।इसी बीच प्रशांत मिश्रा विधायक के दूसरे गुर्गों के साथ फरार हो गया।
विधायक ने प्रशांत मिश्रा को बचाने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की भी की।मामला सत्तारूढ़ दल के प्रभावशाली विधायक का है, लिहाजा लखनऊ पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।