डेस्क : भाकपा माले के मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नदियों, तालाबों, झीलों सहित तमाम तरह के जल स्रोतों और जल निकायों के लिए राज्य सरकार तत्काल कानून बनावें। वहीं अंग्रेज शासन के दरमियान हुए भूमि सर्वेक्षण को आधार बनाया जाय।
माले नेता श्री झा ने मुख्यमंत्री द्वारा जलस्रोतों के संरक्षण के लिए आहुत विधायक व विधान पार्षदों की विशेष बैठक का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि देर से ही सही लेकिन उठाया गया यह जरूरी कदम है। उन्होंने कहा कि शासक समूहों व दबंगों के जरिये इसमें अरंगा लगाया जा सकता है। लेकिन सरकार को मजबूत इच्छाशक्ति प्रदर्शित करते हुए बिहार के भविष्य के लिए इस कार्य योजना को आगे बढ़ाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि दरभंगा प्रमंडल से इसकी शुरूआत हो। क्योंकि सबसे ज्यादा तालाब और जलस्रोत यहां हैं। इसका बड़े पैमाने पर भू-माफियाओं व दबंगों ने कब्जा कर उसका नामोनिशान मिटा दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में तत्काल तमाम तरह के जलस्रोतों-जल निकायों के संरक्षण और संबर्धन के लिए प्रभावी कानून बनाने की मांग की और इसकी पहचान का आधार अंग्रेजों के समय हुए भूमि सर्वे और 60-70 के दशक में हुए सर्वे को बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस काम को अंजाम देने के लिए विशेष टास्कफोर्स बने। उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत दरभंगा और तिरहुत प्रमंडल से हो। क्योंकि इन दोनों जगहों पर जलस्रोतों व जल निकायों का सबसे बड़ा भंडार है। संवाददाता सम्मेलन में माले जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने दरभंगा जिला के जर्जर तटबंधों पर चिंता व्यक्त की। इस मौके पर माले नेता लक्ष्मी पासवान भी उपस्थित थे।