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महोना में मुस्लिम समाज द्वारा हुई बैठक,कोका विधेयक’पर उठाये कई सवाल

सौरभ श्रीवास्तव

लखनऊ,इटौंजा।पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज नगर पंचायत महोना लखनऊ में एक अहम बैठक हुई जिसमें सर्वप्रथम यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2017 यूपी कोका विधेयक बुधवार को विधान परिषद में ध्वनिमत से पारित हो गया है

यह कानून बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को प्रताड़ित और परेशान करने के अलावा कुछ भी नहीं है भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की और योगी सरकार बदले की भावना की सोच रखती है

यह कानून बनाने से मुसलमानो दलितों और पिछड़ों को परेशान किया जाएगा और सरकार के खिलाफ जो आवाज उठाएगा उसकी आवाज को दबाने के लिए यह कानून इस्तेमाल किया जायेगा चाहे विपक्ष के नेताओं को या मुस्लिम नौजवान हो या दलित नौजवान हो या अन्य कोई पुलिस को पूरी तरह से छूट देकर पुलिस जिसको चाहे जहां चाहे उसे उठाकर पुलिस अपने कस्टडी में रखकर जो जी चाहे वैसा कर सकती है यह ऐसा काला कानून है कि किसी भी इंसान को बदले की भावनासे जेल भेजा जा सकता है और 2 महीना 3 महीना वह किसी कोर्ट में अपील भी नहीं कर सकता है इस काले कानून का पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज मजम्मत करता है और भविष्य में ऐसे कानूनों का सख्त से सख्त विरोध करता है हिंदुस्तान की एकता और अखंडता को बर्बाद करने में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चरम सीमा पार कर रही है

मुसलमान नौजवानों के खिलाफ बदले की भावना से ऐसे कानून बनाए जाने के लिए योगी सरकार तत्पर है लेकिन पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान ने उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल साहब से यह मांग करता है कि यह काला कानून प्रदेश हित में नहीं है और मांग करते हैं कि इस काले कानून को उत्तर प्रदेश का पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज पूरे जोर शोर से इसका विरोध करता है और महामहिम राष्ट्रपति महोदय को भी एक ज्ञापन इस काले कानून के खिलाफ भेजा जाएगा और महामहिम राष्ट्रपति महोदय से अपील की जाएगी कि ऐसे काले कानून को गैरकानूनी तरीके से और बदले की भावना से मुसलमानों के खिलाफ ऐसा काला कानून ठोकने की कोई जरूरत नहीं है संविधान में बहुत सी ऐसी धाराएं हैं जो आजादी से लेकर अब तक हिंदुस्तान के आईपीसी की धारा और सीआरपीसी की धाराओं में तब्दीली करने के अलावा बहुत से संविधान में गुंजाइश है उन्हीं धाराओं में अगर संशोधन कर दिया जाए तो कोई संगठित अपराध जैसा कोई गैर कानूनी इस काले कानून की वजह से कोई भी राजनीतिक संगठन और विपक्ष की आवाज को दबाने की पूरी कार्रवाई की योजना योगी सरकार ने बना लिया है और विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इससे अच्छा कोई दूसरा तरीका नहीं है

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