Breaking News

गौशालाओं के संचालन में हो रही धांधली, गोवंश तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर

श्रीनिवास सिंह मोनू (लखनऊ) :: सरकार की किसी योजना को किस तरह पलीता दिखाया जाता है यह उत्तर प्रदेश में सरकार की महत्वपूर्ण योजना गौशाला को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। यहां पर वर्ष 2017 में योगी सरकार बनने के उपरांत गौवंशों  के पूर्ण रूप से कटान पर प्रतिबंध लगाने से प्रदेश में गौवंशों का  आतंक जिस प्रकार फैला वह किसी से छुपा नहीं रहा। जहां राहगीर सड़कों पर इन छुट्टा जानवरों के कारण असमय ही काल के गाल में समाते रहे, वहीं 2 साल पूरे होने के बाद भी किसानों को इन छुट्टा जानवरों से राहत नहीं मिल पा रही है। पूरे प्रदेश में छुट्टा जानवरों का आतंक इस प्रकार व्याप्त है कि किसानों की तैयार खड़ी फसल पर वे बिल्कुल काल बनकर टूटते हैं और किसानों की फसल पलभर में ही चर कर चट कर जाते हैं।
 सन 2019 के प्रथम बधाई दिवस पर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के किसानों को बधाई देते हुए यह ऐलान किया था कि इन समस्त छुट्टा जानवरों को आने वाले 1 माह के अंदर ही व्यवस्थित कर दिया जाएगा इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी जिलाधिकारियों को तुरंत आदेश जारी किया कि प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों से लेकर न्याय पंचायतों में गौशाला का निर्माण कराया जाए और शीघ्र ही छुट्टा जानवरों को पकड़वा कर इसमें बंद किया जाए ताकि किसानों को हो रहे भीषण नुकसान से बचाया जा सके। उस समय तो किसानों को मुख्यमंत्री के इस आदेश से बहुत खुशी मिली किंतु अधिक समय नहीं बिता उनकी खुशी काफूर होने लगी। इसका कारण था बनने वाली गौशालाओं में हीला हवाली व जहां पर गौशालाओं का निर्माण भी हो गया था वहां उसका संचालन चुनौती बना हुआ था। एक ओर तो सरकार अपनी घोषणा पर पीठ थपथपा रही थी वहीं दूसरी ओर किसानों की समस्या और विकराल होती जा रही थी छुट्टा जानवर अब भी पूरे प्रदेश में आतंक की तरह मड़रा रहे हैं। लगभग आधा वर्ष बीतने को है किंतु प्रदेश की गौशालाओं का हाल बद से बदतर है। हम आपको राजधानी के ही सरोजनी नगर विकास खंड का हाल बता रहे हैं यहां की 13 न्याय पंचायतो में से 70 ग्रामसभाओं में केवल 12 ग्राम सभा ऐसी हैं जहां पर गौशालाओं का निर्माण होकर उनका संचालन हो रहा है। यह जानकारी संवाददाता को विकास खंड अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने दी है किंतु जब संवाददाता ने क्षेत्र के इन गौशालाओं का सर्वे किया तो अधिकतर गौशालाओं में जानवरों का हाल बद से बदतर मिला वहां के जानवर चिलचिलाती धूप में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं ना तो उन्हें पर्याप्त स्वच्छ पानी मिल पा रहा है ना ही चारा। विकास खंड अधिकारी के बताए अनुसार इस समय जिन 12 गौशालाओं का संचालन हो रहा है संवाददाता ने जब मौके पर जाकर देखा तो उनमें से कई गौशालाओं में इस वक्त जानवर नदारद मिले किंतु अधिकारी के बताए अनुसार उनका इस वक्त भी कागजों में संचालन हो रहा है। बताते चलें कि ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव की मिलीभगत से उन गौशालाओं में भी सरकारी धन का बंदरबांट धड़ल्ले से चल रहा है।

गौशालाओं की इस बद इंतजामी के चलते विकासखंड में छुट्टा जानवरों का आतंक फिर पहले जैसा व्याप्त हो गया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि जानवरों के आतंक से परेशान किसानों की इस विकराल समस्या को उठाते हुए किसानमंच के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी रिंकू ने पिछले माह गौशालाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक पीआईएल माननीय न्यायालय में  दाखिल की थी जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 31 जून 2019 को सरकार को आदेश दिया था कि वह 6 हफ्तों के भीतर अपना जवाब दाखिल करें।

(फेसबुक पर  Swarnim Times स्वर्णिम टाईम्स लिख कर आप हमारे फेसबुक पेज को सर्च कर लाइक कर सकते हैं।  TWITER  पर फाॅलों करें। वीडियो के लिए  YOUTUBE चैनल को SUBSCRIBE करें)

Check Also

उप निरीक्षक मोहम्मद शकील का हुआ विदाई कार्यक्रम

चकरनगर/इटावा। तहसील क्षेत्र के थाना भरेह में तैनात मोहम्मद शकील का अचानक स्थानांतरण थाना चौबिया …

बोर्ड परीक्षाओं में उन्नाव जनपद के टॉपरों को शहीद अजीत कुमार आजाद स्मृति सम्मान – ट्री मैन पुलिस दंपत्ति

उन्नाव। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों की याद में प्रियदर्शनी नगर के मनोरंजन पार्क …

पूर्व विधायक रविंद्र सिंह चौहान ने चकरनगर चकरनगर में जनता से किया संपर्क स्थापित

चकरनगर/इटावा। पूर्व विधायक रविंद्र सिंह चौहान गांव ललूपुरा में क्वारी नदी व सिंध नदी के …