नई दिल्ली : कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है़। आज पृथ्वी का कोई भी हिस्सा इस महामारी के तांडव से नहीं बचा है। ऐसे में सबसे ज्यादा जो क्षेत्र प्रभावित हुआ है वो है शिक्षा। आज छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उनकी चिंता स्वाभाविक है। पर अब छात्रों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है ख़ासकर उनकी इंग्लिश कम्युनिकेशन स्किल्स को लेकर। अंग्रेजी प्रशिक्षण के संदर्भ में , छात्रों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया है देश के जाने-माने अंग्रेजी के विद्वान व ब्रिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक डॉ बीरबल झा ने।
अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण के क्षेत्र में भारत के नामचीन चेहरे डॉ बीरबल झा कहते हैं जब सभी राहें बंद हो जाती हैं तो नई राह खुलती है। साथ हीं विपदा की घडी में भी सम्पदा के लिए अवसर होता है। छात्रों को अपने भविष्य को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है बलि्क इस कोरोना त्रासदी को अवसर में तब्दील करने की आवश्यकता है। छात्रों के साथ कदमताल करने के लिए डॉ बीरबल की संस्था ब्रिटिश लिंग्वा आगे आई है।
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ब्रिटिश लिंग्वा को अंग्रजी पढाने के क्षेत्र में महारथ हासिल है। बस आवश्यकता है छात्रों को इस संस्था द्वारा संचालित ऑनलाइन क्लाश ज्वाइन करने की। डॉ झा द्वारा संचालति क्लास की प्रतिभागी पटना की छात्रा गायत्री बताती हैं कि डॉ की कक्षा गागर में सागर की तरह है।
गौरतलब है कि यह ऑनलाइन क्लास संस्था द्वारा विकसित ‘इंग्लिश सिम’ के माध्यम से लिया जा रहा है। प्रशिक्षू की सहूलियत के लिए एक ओर जहाँ शब्दों के सही उच्चारण, उसके समुचित प्रयोग एवं वाक्य बनाने की जानकारी दी जाती है वहीँ सामूहिक परिचर्चा एवं वाद- विवाद करबाया जाता है। डॉ झा का कहना है कि यह तो टेक्नोलॉजी का कमाल है कि अब वर्चुअल क्लास अधिक लोकप्रिय हो रहा है।