आयुषी प्रियादर्शी : कुछ रिश्ते कर्जों की तरह होते हैं, उन्हें निभाना नहीं चुकाना पड़ता है’। निर्माता करण जौहर और निर्देशक अभिषेक वर्मन की फिल्म कलंक का यह संवाद फिल्म के निचोड़ को बयान करता है। शिद्दत वाले प्यार में गिरफ्तार फिल्म का हर किरदार अपने रिश्ते का कर्ज चुकाता नजर आता है, जहां उसे प्यार तो मिलता है, मगर वह पूरा नहीं हो पाता।
आप एस्ट्रामैरीटल अफेयर को किस तरह देखते हैं? क्या आपकी नज़रों में यह कलंक है या फिर आप इसे प्यार का ही एक रूप समझते हैं? फिल्म कलंक की कहानी इसी ताने-बाने के आस-पास घूमती है. शानदार सेट, टॉप क्लास स्टार कास्ट व शानदार सिनेमाटोग्राफी से सुज्जित फिल्म दर्शकों के दिलों में वो प्रभाव नहीं छोड़ पाती, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. सामान्य से लंबी इस फिल्म की कहानी कहीं जगहों पर बेहद बोझिल और बोरिंग लगती है. इस फिल्म की सबसे अच्छी बात यह है कि फिल्म के सभी कलाकारों ने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस दिया है. आलिया भट्ट और वरुण धवन कलंक के दिल साबित हुए हैं.
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