सवर्ण कार्ड :: बिहार में एक सवर्ण समेत होंगे दो डिप्टी सीएम, एनडीए सरकार कर रही विचार
डेस्क : सरकार के खिलाफ सवर्णों के गुस्से का असर अब दिखने लगा है. बिहार में खासकर जेडीयू और बीजेपी डैमेज कंट्रोल में लगी है. जेडीयू ने जहां सवर्ण प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया तो वहीं बीजेपी प्रदेश में एक और उपमुख्यमंत्री बनाकर सवर्ण वोट बैंक को फिर से साधने की कोशिश कर रही है.
दरअसल सरकार के खिलाफ सवर्णों की नाराजगी हर तरफ देखी जा रही है. जगह-जगह मंत्रियों का घेराव कर उन्हें काले झंडे दिखाएं जा रहे हैं तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी चप्पल फेंकी गई. इन सभी घटनाओं के बाद सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. खबर है कि नीतीश सरकार बिहार में दो डिप्टी सीएम पर विचार कर रही है.
नेता हो रहे हैं सवर्ण के गुस्से का शिकार
एससी-एसटी एक्ट, प्रमोशन में आरक्षण, सवर्णों पर केस और कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव की वजह से एनडीए बखूबी वाकिफ है. इसीलिए नाराज सवर्ण वोट बैंक को मनाने को लेकर बीजेपी और जेडीयू जोर आजमाइश कर रही है. पिछले कुछ दिनों में ही केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के कई बड़े नेताओं को सवर्णों के गुस्से का शिकार होने पड़ा है.
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जेडीयू ने सवर्ण प्रशांत किशोर को बनाया उपाध्यक्ष
जेडीयू एक तरफ ब्राह्मण जाति से आने वाले प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि नीतीश कुमार सवर्णों का भी खयाल रखते हैं. तो वहीं बीजेपी से खबर है कि केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के एक बड़े दबंग सवर्ण नेता को बिहार का डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. ताकि सवर्णों की नाराजगी दूर की जा सके.
बिहार में 15 फीसदी हैं सवर्ण वोटर
आपको बता दें कि बिहार में करीब 15 फीसदी सवर्ण वोटर हैं. वैसे भी कांग्रेस ब्राह्मण और भूमिहार नेताओं को पार्टी में तरजीह देकर नाराज सवर्ण समाज को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है, तो वहीं बीजेपी भी पार्टी में शामिल सवर्ण नेताओं को आगे कर उन नाराज समाज को मनाने में लगी है.
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