लखनऊ:माल पुलिस की नाक के नीचे हो रही चोरियां,पुलिस बनी तमाशबीन
रामकिशोर रावत
लखनऊ,माल।माल इलाके में अज्ञात चोरों द्वारा 15 दिनों के भीतर लगभग तीन जगह पर नकाब लगाकर लगभग लाखों के जेवर व नगदी लेकर रफूचक्कर हो गए। लेकिन माल पुलिस हवा में तीर मारते नजर आ रही है।
जिससे ग्रामीणों में पुलिस की कार्यशैली से दहशत का माहौल बना हुआ है।बीती रात एक गांव में अज्ञात चोरों ने नकाब लगाकर लगभग नगदी व लाखों रुपए के जेवर लेकर फरार हो गए।
अज्ञात चोरों के आगे पुलिस नतमस्तक साबित होती नजर आ रही है और क्षेत्र में अज्ञात चोरों के हौसले बुलंद होते देखे जा रहे हैं । माल इलाके के वीरपुर पंचायत के मजरे तकिया ढोलबजा गांव निवासी निजामुद्दीन के घर के पीछे दीवार में बीती रात अज्ञात चोरों ने नकाब लगाकर घर के अंदर कमरे में
रखी अलमारी में रखे रूपये व घर की चार महिलाओं के सारे जेवर लगभग तीन लाख रुपए की कीमत व एक एंड्राइड मोबाइल तथा 3 तांबे के डेग उठाकर फरार हो गए सुबह घर की महिलाओं ने देखा कि घर के अंदर सारा सामान इधर-उधर बिखरा हुआ पड़ा था यह देखकर महिलाओं के होश उड़ गए।
जिसकी सूचना माल पुलिस को दी मौके पर पहुंची माल पुलिस ने मौके की जांच कर घर पर पड़े दिख रहे सामान को एकत्रित कराया। जबकि घर पर महिलाओं के अलावा पुरुष मलिहाबाद क्षेत्र में मजदूरी पर लकड़ी काटने गए थे।कहीं इसी का फायदा उठाकर चोरों ने घर के पीछे नकब लगा चोरी को दिया अंजाम।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि गत 16 सितंबर को जगदीशपुर गांव में रामऔतार और रामस्वरूप के घर में नकब लगा कर चोरों ने 2 लाख के जेवर पर हाथ साफ कर दिया था वहीं गत 18 सितंबर को सैदापुर चौराहे पर स्थित पुलिस पिकेट की 100 मीटर की दूरी पर बैंक आफ इंडिया में
अज्ञात चोरों ने पीछे कि दीवार में नकब लगाकर बैंक के अंदर प्रवेश कर लिया था लेकिन खजाने तक नहीं पहुंच सके थे। जिससे चोर असफल रहे थे। इस जगह पर तो पुलिस घंटो तक चोरों के तलाश करने में लगी रही थी लेकिन क्षेत्र में इन गरीबों के यहां अज्ञात चोरों द्वारा नकाब लगाकर लाखों के जेवर व रूपये लेकर रफूचक्कर हो गए।
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पुलिस की कार्यशैली से ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं लेकिन पुलिस अज्ञात चोरों के आगे नतमस्तक होती देखी जा रही है। इस संबंध में माल थाना अध्यक्ष अखिलेश द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नकब तो लगी है थोड़ा बहुत सामान भी गया है जांच की जा रही है।
सबसे बड़ी बात तो यह है की माल पुलिस पीड़ित की तहरीर लेकर जांच करने के नाम पर टरका दिया जाता है और पीड़ित न्याय के लिए थाने के चक्कर काटते रहते हैं समय बीतने के बाद माल पुलिस मामला ठंडे बस्ते में डाल कर शांत करा देती है और पीड़ित तहरीर लेकर टहलते रहते हैं।