डेस्क : जेल में बंद कैदियों को अब अपनों से दूर होने का गम नहीं सताएगा। अब वह जेल से ही अपनों से आसानी से बात कर सकेंगे। जेल के कैद कैदियों व उनके परिवार के बीच की दूरियों को टेलीफोन से कम करने की पहल की जा रही है। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाजीपुर में आधुनिक तकनीक से युक्त बिहार सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश कैदियों की सोच और विचार के साथ उनके जीवन में परिवर्तन लाना है, ताकि वो बाद में अच्छी जिंदगी जी सकें.
ये लिए गए महत्वपूर्ण फैसले
- राज्य के 55 काराओं में प्रीजन-ERP तकनीक सिस्टम का शुभारंभ किया गया
- राज्य के 30 काराओं में 56 दूरभाष केंद्रो का उद्घाटन किया गया
- राज्य के 11 काराओं में कैंटीन का शुभारम्भ किया गया
इस अवसर पर मौजूद जेल आईजी आनंद किशोर ने बताया कि पहले जेल में बंद कैदियों को अपने परिजनों, मित्रों और वकीलों के बात करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. मुलाकातियों को दूर से आना पड़ता था इसे देखते हुए अब जेल में बंद कैदी बीएसएनएल टेलिफोन के माध्यम से अपने परिजनों से बात कर सकते हैं.
हर कैदी को दिन में दो बार फोन करने की सुविधा
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत सभी केंद्रीय काराओं में तीन-तीन, मंडल काराओं में दो-दो और उप काराओं में एक टेलिफोन स्थापित किए जा रहे हैं. जरूरत के मुताबिक, हर कैदी को दिन में दो बार फोन करने की सुविधा होगी और उनकी बातचीत रिकॉर्ड करने की भी व्यवस्था की गई है.
इस मौके पर बिहार सरकार के चीफ सेक्रेटरी अंजनी सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य अपराध को खत्म करना है अपराधियों को नहीं. जो लोग अपराध कर जेल में पहुंच गए हैं. हमलोगों की कोशिश है कि उनको सुधार कर बाहर निकालें ताकि वो फिर से नई जिंदगी शुरू कर सकें.