डॉ.एस.बी.एस.चौहान
चकरनगर( इटावा)। बीते शाम आई तेज आंधी ने विकासखंड चकरनगर के तराई वाले इलाके में मचाई तबाही और किसान भुखमरी की कगार पर। लाखों का नुकसान। बीते दिवस शाम आई तेज आंधी ने विकासखंड चकरनगर के खासकर तराई वाले इलाके में वह भूचाल पैदा कर दी कि जिससे किसान इस समय भुखमरी की कगार पर है। विकासखंड चकरनगर के गांव गौहानी, नौगांवा, ककरहिया, पाली, गोपालपुरा, कांयछी, गढाकास्दा, खरीटी जैसे गांव में आई तेज आंधी से किसानों का खेतों में कटा पड़ा गेहूं या कटने को खडे गेंहूं पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गये। हालात यह हैं कि आज की स्थिति में किसान भुखमरी की कगार पर है। किसान के पास रोने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है सिर के बाल पकड़ पकड़ कर नोच नोचकर अपनी व्यथा लोगों को बताते हैं शाम को आई तज आंधी ने खेतों में मडाई के हेतु पड़ा हजारों कुंतल गेहूं और यहां तक कि कुछ खेतों में कटने के लिए भी खड़े गेहूं जो पूर्णरूप से खेतों में ही मिल गए अब ऐसी हालत में किसानों ने इकट्ठा करने का प्रयास कर रहा है जिसमें वह नाकाम साबित हो रहा है विकासखंड के खासकर पूर्वांचल स्थित गांव जो यमुना के किनारे पर स्थित हैं या यमुना और चंबल के बीच में स्थापित है उन किसानों के खेतों में गेहूं मडाई के हेतु रखे हुए थे चलते तेज आंधी बिखर गए या उड़कर कहीं लापता हो गए जिससे किसान बेहद दुखी है। संतू सिंह चौहान पुत्र रामबरन सिंह चौहान पूर्व प्रधान बताते हैं कि हालात यह हैं कि किसानों ने गाढ़ी कमाई और कड़ी मेहनत के साथ जो फसल उगा कर खेतों में तैयार की थी जिसकी कुछ खेतों में कटाई बाकी रह गई थी लेकिन मूल रूप से खेत कटकर गट्टे बंधे खेतों में रखे हुए थे
जिनकी मडाई हेतु थ्रेसरों का इंतजार था लेकिन भगवान का चलते प्रकोप जिसमें गेहूं की सारी फसल पूर्ण रुप से ध्वस्त हो गई किसान के सामने सबसे बड़ी समस्या इस बात की है कि उसने गाढ़ी कमाई और कड़ी मेहनत के साथ जो फसल उगाई थी उस फसल का एक भी दाना घर नहीं ले जा सका। जो खेतों में गेहूं कटवाने के लिए मजदूरी पर लोगों को लगाया गया था जिसमें उन किसानों की मजदूरों की मजदूरी गेहूं के कटने के बाद गेहूं से निकाल कर ही देनी होती है अब हालात यह हैं कि गेहूं के गट्ठे और फसल चलते तेज आंधी के नेस्तनाबूत हो गई है या बिखरकर ध्वस्त हो गई है अब गेहूं की कटाई जो मजदूरों को देनी है जिसमें लगभग छोटे किसान को डेढ़ कुंतल से लेकर बड़े किसान को 16 और 30 कुंतल तक की कटाई देनी है अब वह कहां से आए यह सबसे बड़ी विडंबना है। विनोद तिवारी पुत्र दयाशंकर तिवारी बताते हैं कि मैंने ₹40000 लगाकर खेती को कटती पर रखा था गाढ़ी कमाई और कड़ी मेहनत करके फसल को कटान तक ले आए थे जो कटान के बाद मैंने मढ़ाई नहीं कर पाई यानी गेहूं का उठान नहीं कर पाया उसके पहले ही सारी की सारी फसल खेत में ही मिल गई। ₹15000 हजार रुपए पानी का देना है और ₹7000 दीगर खर्चों के देने हैं यानी खाद बीज वगैरह के। अब चलते देवी प्रकोप के गेहूं की सारी की सारी फसल मिट्टी में मिल गई अब बराहांचा भी हाथ में नहीं रहा वह भी इस आंधी के अंदर में उड़ाता चला गया। कहां से मजदूरों की मजदूरी दी जाएगी और कहां से आमपासी दी जाएगी और कहां से अपने परिवार के बच्चों का और खुद का पेट भरा जाएगा इतना कहते हुए बिनोद तिवारी बुरी तरह फूट-फूट कर रोने लगा। रिंकू चौहान पुत्र रामेंद्र सिंह चौहान बताते हैं कि हमारा यह भूसा 10 बीघे का जो कल शाम तक कट चुका था जिसे सुरक्षित घर तक नहीं ले जा पाए और यह सारा का सारा भूसा बिखर कर मिट्टी में मिल गया अब हमारे सामने अहम समस्या इस बात की है कि पशु क्या खाएगा इसके लिए रातब और भूसा कहां से आएगा? मुन्ना सिंह चौहान निवासी गोपालपुरा बताते हैं कि गेहूं काट कर घर ले जा कर रखा तेज अंधड़ आया खेत में रखा 10 बीघे का सारा का सारा भूसा अपनी मुट्ठी में लिए चला गया अब मुसीबत यह है कि पशुओं के चारे का इंतजाम क्या होगा, वह भी अपना बयानात करते-करते फूट-फूट कर रोने लगे। किसानों की दयनीय दशा देखी नहीं जा सकती तेज गति से चली आंधी के दौरान सोने का पुरा रोड पर द्वार ढह जाने से रास्ता रुक गया जिसकी सूचना मीडिया के द्वारा थानाध्यक्ष सहसों को दी गई उन्होंने आनन-फानन में पहुंचकर अवरुद्ध रास्ते को खोलने में जी तोड़ मेहनत की और आम लोगों के लिए रास्ता खुलवा दिया थानाध्यक्ष ने दूरभाष पर बताया कि मुझे इस देवी आपदा में एक बड़ा सुकून मिला कि भगवान की कृपा से कहीं भी किसी प्रकार से कोई जनहानि की सूचना नहीं मिली और भगवान ने समय ठीक ही गुजार दिया अब नुकसान पशुओं के लिए जो हुआ है या छुटपुट जो भी नुकसान हुआ है घास-फूंस, पेड-पौधों, घर-द्वार का उसके लिए तो हमारा योग्य किसान और हमारी सत्ताधारी सरकार सब कुछ इंतजाम कर देगी ईश्वर की बड़ी ही कृपा रही कि कहीं से कोई जनहानि की सूचना नहीं मिली। थानाध्यक्ष भरेह ने दूरभाष पर बताया कि क्षेत्र में आंधी तेज गति चली जिसमें घास फूस गल्ला इत्यादि का जो भी नुकसान हुआ है वृक्षों का नुकसान हुआ है विद्युत विभाग के पोल टूटे या तार टूटे हैं इन सब की भरपाई हो जाएगी लेकिन ईश्वर की महती कृपा रही कि कहीं से कोई भी जनहानि होने से बच गई सबसे बड़ी विडंबना तो इस बात की है कि इतना सब नुकसान होने के बावजूद भी तहसील प्रशासन से नुकसान हुए जगहों पर राजस्व विभाग का कोई भी कर्मचारी मूल्यांकन हेतु नहीं पहुंचा जिससे किसानों में तहसील प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। शेखर सिंह चौहान भारतीय युवा जनता मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने अपनी पहुंच शासन व प्रशासन से लगाते हुए दुखी और पीड़ित किसानों को राहत दिलाए जाने की पुरजोर मांग की है और जिलाधिकारी इटावा से अनुरोध किया है कि वह तत्काल पीड़ित किसानों की स्थिति का मूल्यांकन करते हुए उन्हें भरपूर मुआवजा दिया जाए जिससे उनका जीवकोपार्जन और उनके पशुओं की रखवाली संभव हो सके। नरेंद्र सिंह चौहान भाजपा नेता और युवा नेता सचिंद्र सिंह चौहान ने तहसील प्रशासन को आगाह किया है कि पीड़ित किसानों की स्थिति का तत्काल जायजा लिया जाए ताकि उनके हुए नुकसान की भरपाई हो सके और उन्हें राहत दी जा सके इस कार्य में यदि ढिलाई और कोताही बरती गई तो तहसील प्रशासन के खिलाफ किसानों को अपने हक की लड़ाई के लिए आगे कदम बढ़ाना पड़ेगा जिससे शासन और प्रशासन को भी दिक्कतें बढ़ सकती है।