रामकिशोर रावत
माल(लखनऊ) माल इलाके के खखरा गाँव के पास अग्यात गोश्त तस्करों ने प्रतिबंधित प्रजाति के सात मवेशियों को काट डाला।इससे पहले भी तीन जगहों पर कई मवेशी काटे गये।सभी मामलों में सूचना मिलने पर पुलिस अवशेषो को गड़वा देने से आगे कुछ नहीं कर पायी।जबकि इन घटनाओं को लेकर कभी बड़ा हादसा सामने आ सकता है।अखिर पुलिस गौ तस्करों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है और इनकी प्रतिबंधित जानवरों को काटकर पुलिस को चुनौती दे रही हैं।
बीती शुक्रवार रात खखरा व आदमपुर के बीच खजुहा तालाब में सात मवेशियों को काटा कर मौत के घाट उतार दिया गया।सुबह शौच करने गये ग्रामीणों ने तालाब में सिर और अन्य अवशेष पड़े देखे।आसपास आग कि तरह खबर क्षेत्र मे फैली तो तमाम लोग एकत्रित हो गए।ग्रामीणों ने घटना कि सूचना पुलिस को दी गयी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने अवशेषो को हमेशा की तरह गड़वा दिया।इससे पहले गोपरामऊ,राजाखेड़ा में आठ मवेशी कटे गये।काफी समय से सक्रिय इन गोश्त तस्करों का कोई सुराग पुलिस नहीं लगा पायी।यही वजह है कि ग्रामीण पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लगाते हैं।क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि बार बार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।गनीमत है कि गांववालों से इन तस्करों का सामना नहीं हुवा।कभी आमना सामना हो गया तो बड़ी घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।इन घटनाओं मे पुलिस सिर्फ आज तक अ अज्ञात गोश्त तस्करों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लेती है लेकिन आज तक माल पुलिस इन अज्ञात गोश्त तस्करों को पकड़ने में नाकाम दिखाई दे रही है इन गोश्त तस्करों द्वारा इलाके में दर्जनों प्रतिबंधित मवेशियों को काट कर रातों रातों काटकर जीवन लीला समाप्त कर दी जाती है और मांस को बोरे में भरकर रफूचक्कर हो जाते हैं और पुलिस जानबूझकर अनजान बनी रहती है ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि पूर्व सरकार व वर्तमान सरकार की कानून व्यवस्था में कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही प्रतिबंधित मवेशियों को कटने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के बाद भी कोई डर नहीं दिखाई दे रहा है और खुलेआम प्रतिबंधित मवेशियों को काटकर रफूचक्कर हो जाते हैं