राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बुधवार को लखनऊ में दावा किया कि प्रदेश के 14 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, संस्थान एवं राजकीय पॉलिटेक्निकों में शैक्षिक सत्र नियमित कर दिया गया है। परीक्षाएं भी समय से ली जा रही हैं और परिणाम भी तय समय पर घोषित किए जा रहे हैं।
श्री टंडन बुधवार को लखनऊ के लोक भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह भी तय समय सीमा के भीतर आयोजित हो रहे हैं। इससे सभी प्रकार की डिग्रियां समय से मिल जा रही हैं एवं विद्यार्थियों को डिग्री के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है।
श्री टंडन ने कहा की सेंट्रल प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट के अवसर समान रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे। प्राविधिक शिक्षा विभाग इस साल पांच सौ छात्र-छात्राओं को लैपटॉप देने जा रहा है, जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेज के 200 विद्यार्थियों को एवं पॉलिटेक्निक के 300 विद्यार्थियों को दिया जाएगा। यह लैपटॉप मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को ही दिया जाएगा। उन्होंने कहा के 29 पॉलिटेक्निक नए भवनों में शिफ्ट हो चुके हैं जबकि 51 का निर्माण कार्य जारी है और छह नए राजकीय पॉलिटेक्निक का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है।
- दरभंगा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, महज 24 घंटे में लूटी गई स्कॉर्पियो बरामद कर 01 अंतरजिला अभियुक्त को किया गिरफ्तार
- इंटर रिजल्ट में दरभंगा के एकेडमी ऑफ फिजिक्स का डंका, बधाईयों का लगा तांता
- पुलिस सब इंस्पेक्टर रीना पाण्डेय को मिलेगा नव अंशिका सर्वश्री सम्मान
- टीम स्वर्णिम की तरफ से होली की शुभकामना…
- बिहार में NDA के जदयू प्रत्याशियों की लिस्ट जारी, देखें किनको कहां से टिकट…
श्री टंडन ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के तहत आने वाले कॉलेजों में पिछले एक वर्ष के दौरान मूलभूत सुविधाओं की कमी को दूर किया गया है। इसके लिए दीनदयाल उपाध्याय योजना बनाकर उसमें दो सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस दौरान प्राविधिक शिक्षा मंत्री का कहना है कि प्रदेश के राजकीय पॉलिटेक्निक में कंप्यूटर लैब के लिए 1300 कंप्यूटर दिए गए हैं।
साथ ही वर्चुअल क्लासेस भी शुरू किए दिए गए हैं। इसके अलावा इस साल अब तक कैंपस प्लेसमेंट के तहत 15 सौ इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को रोजगार दिलाया जा चुका है और पांच हजार डिप्लोमा होल्डर को भी रोजगार मिल चुका है। कहा कि गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा दिलाने के लिए उनके समक्ष चार बड़ी चुनौतियां थीं, राजकीय एवं अनुदानित तकनीकी संस्थानों में शिक्षकों की कमी पूरा करना, आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, ट्रेनिंग और प्लेसमेंट की समुचित व्यवस्था करना और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को प्रस्तुत करने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिएशन(एनबीए) से राजकीय एवं अनुदानित उच्च शिक्षा संस्थानों को एक्रिडिएट करवाने के लिए प्रयास करना।
इस क्रम में 280 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है जबकि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 200 करोड़ की पंडित दीन दयाल गुणवत्ता सुधार योजना लागू की गई है। इसके माध्यम से 100 करोड़ रपये की परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण संपन्न हो चुके हैं।
(फेसबुक पर Swarnim Times स्वर्णिम टाईम्सलिख कर आप हमारे फेसबुक पेज को सर्च कर लाइक कर सकते हैं। TWITER पर फाॅलों करें। वीडियो के लिए YOUTUBE चैनल को SUBSCRIBE करें)