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लखनऊ में अकीदत से मनाई गई ईद, मुल्क में अमन चैन की दुआ

लखनऊ (दीपिका रावत) : तपती गर्मी में 15 से 16 घंटे तक रोजे में 29 दिन अल्लाह की इबादत करने वाले मुसलमानों को बुधवार को अल्लाह ने अपने तोहफे ईद उल फितर से नवाजा। चांद रात पर रात भर खरीदारी करने के बाद भी लोगों के चेहरे पर सुबह नमाज़ के वक्त जरा भी थकान नहीं थी। सुबह 6.30 बजे से ईद की नमाजों का सिलसिला शुरू हो गया।


हालांकि ईद की सबसे बड़ी नमाज ऐशबाग ईदगाह में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, आसिफी मस्जिद पर मौलाना कल्बे जवाद और टीले वाली मस्जिद पर मौलाना फजलुल मन्नान ने अदा कराई। तेज गर्मी होने के बाद भी हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज अदा की और गले लगकर एक दूसरे को ईद की बधाई दी।
ऐशबाग ईदगाह में सुबह 10 बजे ईद की नमाज से पहले मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि ईद मुसलमानों को अल्लाह की तरफ से इनाम है। उन्होंने कहा कि ईद का नाम ही है कि एक दूसरे से गले मिलकर अपने गीले शिकवे भूला दे। ईद हमे इंसानियत का पैगाम देती है। ईद में किसी भी मजहब के इंसान हो लेकिन हम गले मिल कर ही ईद की मुबारकबाद देते है। नमाज के बाद मुल्क में अमन चैन की दुआ की गई। वहीं, बड़े इमामबाड़े में मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि ईद के दिन इन्सान को अपने सभी गिले शिकवे बुला

देना चाहिए। साथ माहे मुबारक में तकवा और परहेजगारी का जो सबक हमने हासिल किया है। पूरे साल उस पर ही जिंदगी गुजरना चाहिए। जिस तरह पूरे महीने हमने गरीबो और ज़रूरतमंदों की मदद की वैसे ही आगे भी करते है। ताकि वो भी समाज ने बेहतर जिंदगी जी सके।
टीले वाली मस्जिद में मौलाना फजलुल मन्नान ने लोगों को ईद की नमाज अदा कराई। नमाज के बाद लोगों ने देश मे अमन व शांति के लिए दुआ की और एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। वहीं, ईद के मौके पर लोग एक दूसरे के घर गए। जहां सेवई के मजे के साथ देर रात तक मुबारकबाद का सिलसिला चलता रहा। सबसे ज्यादा ईद का मजा बच्चों ने लिया जिनको सेवई के मजे के साथ ईदी भी मिली।

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