मधुबनी / झंझारपुर (डॉ संजीव शमा) : अनुमंडल मुख्यालय स्थित पार्वती लक्ष्मी महिला महाविद्यालय में महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा संविधान दिवस के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं व्यवहार न्यायालय झंझारपुर में भी संविधान दिवस का आयोजन किया गया । जिसमें न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्तागण एवं कर्मी शामिल थे ।
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संविधान दिवस के मौके पर महाविद्यालय की छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा रैली निकाला गया । रैली राम चौक, थाना चौक, पुरानी बाजार होते हुए कॉलेज परिसर में आकर समाप्त हुआ । रैली के दौरान छात्राओं ने संविधान दिवस से संबंधित नारायें भी लगाई ।
महाविद्यालय में कार्यक्रम की शुरुआत भीम राव अंबेडकर के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि से किया गया । इस अवसर पर विषय प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. दयानाथ झा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए संविधान दिवस के बारे में कई पहलुओं पर प्रकाश डाला एवं संविधान का महत्व भी बताया । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ने छात्राओं को भारतीय संविधान की विशेषताओं की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि भारत का संविधान विश्व के प्राचीनतम संविधानों में से एक है। इस संविधान के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकार दिए गए हैं, जो कि उनकी स्वतंत्रता का परिचायक है।
तत्पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ मणि कुमारी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए भारतीय संविधान से जुड़े घटनाओं को इतिहास के परिपेक्षय में रोचक तथ्यों सहित महाविद्यालय की छात्राओं को संविधान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मणि ने कहा कि संविधान कमजोर वर्ग व अल्पसंख्यक समूह के लिए सुरक्षा प्रदान करता है । इसका लचीलापन इसके स्थायित्व का प्रमाण है । उन्होंने संविधान की प्रस्तावना भी सभी बच्चों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पढ़कर सुनाया । उन्होंने संविधान के महत्व और उपयोगिता को भी बताया, साथ ही संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों एवं मुख्य तथ्यों को विभिन्न उदाहरणों द्वारा समझाया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.विनोद कुमार लाल ने संविधान से संबंधित जानकारी पर अपना विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने संविधान को तैयार करने में योगदान देने वाले महान विद्वानों , उनसे जुड़ी घटनाओं तथा कठिनाइयों इत्यादि को विस्तार से बताते हुए उपस्थित छात्राओं के शंकाओं को भी दूर किया।
प्राचार्य प्रो.लाल ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान में साफ है कि भारत सब धर्मों को मानने वाला देश है। हर नागरिक को समान अधिकार हैं। बस हमें संविधान के उद्देश्य को समझने की जरूरत है। उन्होंने छात्राओं को यह जानकारी भी दी की लंबे समय से 26 नवंबर को कानून दिवस के रूप में मनाते आ रहे थे लेकिन 19 नवंबर 2015 को प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद अब यह दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चों में संविधान के प्रति जागरूकता के लिए प्रश्नोत्तरी सेशन का भी आयोजन किया गया। साथ ही छात्रा सिमरन सिंह और लक्ष्मी सिंह ने कविता पाठ के जरिए समाज में व्याप्त कुरीतियों पर भी प्रहार किया ।
छात्राओं में हेमलता, माला कुमारी,शालिनी कुमारी इत्यादि ने भी संविधान दिवस के उपलक्ष्य में अपने विचार रखे। कार्यक्रम में प्रो.ओमप्रकाश केजरीवाल, प्रो.दिनेश टिबरेवाल, प्रो. प्रदीप केजरीवाल, डॉ.आशा प्रसाद, डॉ.उषा पंसारी, प्रो. नूतन कुमारी महाविद्यालय कर्मियों में सुनील प्रसाद, सुनीता सिंह, नीरज झा, आरती कुमारी, आशा कुमारी, निशा कुमारी समेत सौ से अधिक छात्राएं मौजूद रहीं।