डेस्क। खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। 16 लाख 37 हजार राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। यह कार्ड मृतक व्यक्तियों के नाम पर थे, जिसपर प्रत्येक महीने 5 किलो अनाज लिया जा रहा था। E-KYC से खुलासा होने के बाद खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग ने अवैध राशन कार्ड कैंसिल कर दिए हैं। वहीं, 2 लाख 77 हजार ऐसे लोग सामने आए हैं जो बिहार से बाहर हैं और दोनों राज्यों में सरकारी अनाज ले रहे हैं।
खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण सचिव एन. सरवन कुमार ने बताया 2 लाख 77 हजार ऐसे परिवार हैं, जो दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं। वन नेशन वन राशन योजना के तहत एक जगह से ही अनाज ले सकते हैं, लेकिन दूसरे राज्यों में भी अनाज उठा रहे हैं। राजधानी दिल्ली में इनकी संख्या सबसे ज्यादा एक लाख 95 हजार हैं। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल समेत अन्य राज्यों में भी बिहार के परिवार अनाज उठा रहे हैं। बिहार में दूसरे राज्यों के सिर्फ 6 हजार ऐसे परिवार हैं, जो पीडीएस से अनाज ले रहे हैं।
90 प्रतिशत परिवार की मुखिया महिला
विभाग की ओर से जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक, राज्य में 90 प्रतिशत परिवार की मुखिया घर की महिलाएं हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 1 करोड़ 97 लाख परिवारों का राशन कार्ड उपलब्ध कराया गया है। 22 लाख 88 हजार अंत्योदय अन्न योजना के कार्ड हैं, जबकि एक करोड़ 74 लाख राशन कार्ड पीएचएच श्रेणी के हैं। इन राशन कार्ड में 90% कार्डधारी परिवार में मुखिया के तौर महिलाओं का नाम दर्ज है। विभाग के अनुसार, राज्य में 65.61 लाख से अधिक राशन कार्डधारी हैं।