सोलह वर्ष पहले किया अनुदान राशि का भुगतान, बावजूद बैंक ने भेज दिया नोटिस, लोक अदालत में पहुंचें लोगों ने जतायी नाराजगी
बेनीपट्टी
प्रखंड के चतरा, ब्रह्मपुरा व परसौनी व धकजरी सहित कई गांवों में संचालित कई स्वयं सहायता समूहों के महिलाओं को अचानक बैंक द्वारा कथित बकाये अनुदान की राशि में ब्याज जोड़कर भुगतान और लोक अदालत में भाग लेकर सुलझाने संबंधित नोटिस भेज दिया गया है. जिसके कारण खाताधारी महिलाओं में आक्रोश व्याप्त है. मामला उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के धकजरी व ब्रह्मपुरा सहित अन्य शाखा का है. इधर, शनिवार को बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय परिसर में अयोजित हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में महिला समूह नोटिस और आवेदन के साथ पहुंच गयीं. लोक अदालत में दिये गये आवेदन में सीता, जानकी, सखी, सहेली, सरस्वती, गुल, खातून, प्रगतिशील, दुर्गा, महादेव, शुभकला, प्रीति सहित कई दर्जन महिलाओं का समूह इन गांवों में संचालित है. समूहों में बीपीएल धारी अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाएं शामिल हैं समूहों के महिलाओं का कहना है कि 16 वर्ष पहले अनुदान के राशि का भुगतान कर दिया गया. लेकिन उस समय के शाखा प्रबंधक द्वारा खाता को बंद नही किया गया. वर्ष 2012 में यह योजना बंद हो चुकी है. राशि जमा कर दिये जाने के बावजूद उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की इन शाखाओं ने प्रबंधक व कर्मी द्वारा अनुदान की राशि बकाया रहने का हवाला देकर राशि में ब्याज जोड़कर भुगतान के लिए नोटिस भेजवाने का आरोप लगाया. समूहों के महिलाओं का कहना है कि प्रबंधक और कर्मियों के लापरवाही का खामियाजा हमलोगों को भुगतने के लिए विवश किया जा रहा है और मानसिक तनाव दिया जा रहा है. दूसरी ओर लोक अदालत के संचालन का जायजा लेने के दौरान भीड़ देख एसीजेएम सुनील कुमार त्रिपाठी, एसडीजेएम रंजीत कुमार सोनू, एपीपी (एसडीपीओ) राजदेव तिवारी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा धकजरी के काउंटर पर पहुंचकर महिलाओं से समस्या के संबंध में जानकारी हासिल की. वहीं बैंक को जल्द से जल्द मामले के निष्पादन का निर्देश दिया है.