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नशीली होली :: ₹ 50 लाख के गांजा संग चाचा-भतीजा को पुलिस ने दबोचा, अंतर्राज्यीय तस्करी के बड़े गैंग का किया पर्दाफाश

सौरभ शेखर श्रीवास्तव की ब्यूरो रिपोर्ट : बिहार में शराब पर कड़ी नकेल के बीच नशे के धंधेबाज होली में गांजा और अन्य मादक पदार्थ बेच बेचकर बड़ी कमाई की तैयारी में हैं। बिहार पुलिस ने गांजा के अंतर्राज्यीय तस्करी के बड़े गैंग का पर्दाफाश करते हुए 50 लाख का गांजा बरामद किया। कैमूर पुलिस द्वारा रामगढ़ थाना क्षेत्र के देवहलियां गांव में तस्करों के घर में छापेमारी की गई जहां नौ बंडलों में रखे गए 72 किग्रा गांजा की खेप को पुलिस ने जब्त कर लिया। छापेमारी के दौरान तस्कर रामदास राम और उसके भतीजा राकेश राम को गिरफ्तार कर लिया गया। गांजा का अनुमानित अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य 60 से 70 हजार रुपए प्रति किग्रा है। इस हिसाब से बरामद गांजा करीब पचास लाख रुपये मूल्य का है।

Kaimur Police Bihar

डीएसपी फैज अहमद खान ने बताया कि एएसआई विकास कुमार को देवहलियां के रामदास राम के घर गांजा की खेप पंहुचने की सूचना मिली। इसके बाद चौकस पुलिस टीम ने छापेमारी की। घर की तलाशी में नौ बंडल गांजा मिला जिसका वजन 72 किग्रा है। डीएसपी ने बताया कि होली पर्व के दौरान गांजा की खेप को शराब के विकल्प के रूप में खपाने की योजना थी। पुलिस होली के मद्देनजर पहले से गांजा तस्करी को लेकर सजग थी।

गांजा तस्करी का मास्टरमाइंड दादर का अशोक साह

डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की गई तो बताया कि वे मोहनियां थाना क्षेत्र के दादर गांव के सर्वजीत साह के पुत्र अशोक साह से गांजा की खेप लाया था। अशोक मुखिया प्रतिनिधि बताया जाता है। वह गांजा तस्करी का मास्टरमाइंड है। एक माह पहले दुर्गावती में गांजा की बड़ी खेप के साथ इसका भाई प्रदीप साह भी गिरफ्तार हुआ था। पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है और तस्करी में लिप्त बड़े सरगना की तलाश की जा रही है।

ओडिशा से कैमूर पंहुचती है गांजा की खेप

कैमूर में गांजा की खेप उड़ीसा से लाई जाती है। कैमूर में गांजा तस्करी के मास्टरमाइंड दादर से इसका संचालन करते हैं। अशोक व प्रदीप दोनों भाई इस अवैध धंधे की कमान संभालते हैं। प्रदीप एक माह पहले जब दुर्गावती में पकड़ा गया था तब खुलासा हुआ था कि उड़ीसा के सिलिगुड़ा के रायगढ़ा का रघ्घू दादा गांजा के अंतर्राज्यीय तस्करी की बड़ी मछली है। उसके यहां से माल लाने के बाद कैमूर में गांजा को चिन्हित जगहों पर भेजकर खपाया जाता है।

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