डेस्क : नये ट्रैफिक नियम लागू होने के बाद बिहार में पुलिस ने राज्यवासियों से करोड़ों रुपये का जुर्माना वसूल लिया, पर खुद ऐसे वाहनों में चल रही है जिनके कागज पूरे नहीं हैं.
- शिक्षकों का चरित्र निर्माण देश निर्माण की कुंजी: जीवेश कुमार
- दरभंगा :: 151वां जिला स्थापना दिवस समारोह की तैयारी जोरों पर
- ‘भारत के महारथी अवार्ड’ से सम्मानित हुए एसआई अनूप मिश्रा अपूर्व
- क्रिसमस डे पर FA7IONCART ने किया इंवेट प्रोग्राम
- कायस्थ महोत्सव 12 जनवरी को, जरूर पधारें …
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर राज्य भर में वाहनों के मूल कागज खोजे जा रहे हैं. ट्रैफिक रुल्स फॉलो करने के लिए सभी जिलों में पेपर वर्क चल रहा है. पुलिस वाहनों से प्रेशर हॉर्न हटाने के भी निर्देश हैं. करीब 12 सौ से अधिक पुलिस वाहनों के कागजात नहीं मिल रहे. जिला पुलिस अधिकारी इन कागजात की तलाश में जुटे हैं.
पुलिस के वाहनों से भी उतारे जायेंगे प्रेशर हाॅर्न
करीब तीन माह पहले लीड एजेंसी बिहार सड़क सुरक्षा परिषद ने पुलिस वाहनों के चालकों का एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया था. इसमें चालक पुलिसकर्मियों से जो फीड बैक मिला था वह चौंकाने वाला था. अधिकतर पुलिस वाहन चालक बिना पेपर के ही गाड़ी चला रहे हैं. इक्का- दुक्का पेपर के नाम पर फोटो कॉपी लेकर चल रहे हैं. कई पुलिसकर्मी तो बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही वाहन चला रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1200 से अधिक वाहन के रजिस्ट्रेशन की मूल कॉपी नहीं है. गाड़ियों की खरीद के बाद कागज को भूली पुलिस अब उन पुलिस चालक से जानकारी जुटा रही है जो इन वाहनों पर तैनात रहे हैं. अधिकतर पुलिस वाहन चालकों को यह जानकारी नहीं है कि आउटसोर्स पर लिए गये वाहन का व्यावसायिक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. नंबर प्लेट भी पीली होनी चाहिए.
प्रमाणित कॉपी लेकर चलेंगे
पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी एसपी, एसएसपी, कमाडेंट को पत्र लिखा गया है कि सरकारी वाहन चलाने वाले पुलिसकर्मियों को रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र, प्रदूषण प्रमाणपत्र और अपना ड्राइविंग लाइसेंस की मूल प्रति साथ रखनी होगी. यदि प्रमाणपत्र की मूल कॉपी नहीं है, तो वह प्रमाणित दस्तावेज साथ लेकर चलें. अपने आदेश पर अमल के लिए मुख्यालय रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है.