डेस्क : बिहार में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर संदिग्ध मरीजों को उनके घर से अस्पताल लाने ले जाने की सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में एंबुलेंस को लगाया गया है. इस वजह से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.
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राज्य में एंबुलेंस को लेकर हो रही असुविधा के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति ने जरूरी फैसला लिया है. इस फैसले के तहत एंबुलेंस की सुविधा नहीं उपलब्ध होने पर अब गर्भवती महिला को उसके परिजन किसी अन्य वाहन से अस्पताल ला सकते हैं. इसके लिए तत्काल 500 रुपये का भुगतान स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जायेगा.
डीबीटी के माध्यम से होगा 500 रुपये का भुगतान:
राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस निर्देश के आलोक में पत्र जारी किया है. पत्र के माध्यम से कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 102 एंबुलेंस का उपयोग संदिग्ध या संक्रमित मरीजों के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इस वजह से राज्य में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने जाने के लिए 102 एंबुलेंस की सेवा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. इस स्थिति को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति ने यह निर्णय लिया है कि 31 मई तक 102 एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण यदि कोई गर्भवती महिला संस्थागत प्रसव के भाड़े के वाहन से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आती हैं तो उसे तत्काल आने जाने के लिए 500 रुपये का भुगतान किया जायेगा. रशि का भुगतान नेशनल हेल्थ मिशन के फ्री रेफरल ट्रांसपोर्ट से उसके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जायेगा.
भाड़े पर वाहन रखने का भी लिया गया है निर्णय:
वहीं पत्र के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संपुष्ट मरीजों के परिवहन के लिए एक पूर्ण रूप से सेनेटाइज्ड एंबुलेंस को चिन्हित कर उसी विशेष चिन्हित एंबुलेंस से कोविड 19 के संदिग्ध या संपुष्ट मरीजों का परिवहन करने हेतु सभी संबंधित को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं ताकि साधारण मरीज एवं गर्भवती महिलाओं में संक्रमण फैलने की संभावना नहीं रहे. इसके साथ ही 102 एंबुलेंस सेवा के तहत चिन्हित एंबुलेंस के अतिरिक्त कोविड 19 से संबंधित कार्यों के लिए जिलों व मेडिकल कॉलेजों द्वारा आवश्यकतानुसार भाड़े पर वाहन रखने का निर्णय लिया गया है जिसका भुगतान कोविड 19 से संबंधित नेशनल हेल्थ मिशन के खाते से किया जायेगा.