राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण लागू लाकडाउन में केंद्र और राज्य सरकार के राहत के तमाम वादे धरातल पर उतरते नहीं दिखाई दे रहे हैं। गरीब और मजबूर लोगों के सामने रोजी-रोटी की गम्भीर समस्या है। स्वास्थ्य सेवाओं की बुरी हालत है। ऐसी स्थिति में सरकार से कुछ सवाल अवश्य पूछे जाएंगे। हालात पर पर्दा डालने की शुतुरमुर्गी चाल से संकट कम होने के बजाय और बढ़ेगा। अखिलेश यादव ने शुकवार को जारी बयान में कहा कि लाकडाउन के फलस्वरूप अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर उत्तर प्रदेश में आ गए हैं। जहां-जहां वे फंसे हुए हैं। बड़ी संख्या में ये श्रमिक है जो सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कार्यरत थे। वहां से चलते समय उन्हें मजदूरी भी नहीं मिली तो पैदल और भूखे प्यासे ही वे चल पड़े। उनके उपचार की कोई सुनियोजित व्यवस्था नहीं है। उनकी जांच भी नहीं हो रही है।रोजी-रोटी की विषम समस्या से जूझ रहे श्रमिकों को मनरेगा में काम देने का एलान तो है लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा है। किसानों को तो भाजपा सरकार में सिवाय उपेक्षा और अपमान के और कुछ मिलने वाला नहीं है। गेहूं के क्रय केन्द्र कागजों में खुले हैं। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला और न ही मिलने की उम्मीद है। पीएम ने की केवल रस्म अदायगीप्रधानमंत्री पंचायती राज दिवस पर संदेश देकर केवल अपनी रस्म अदायगी कर गए। गांधी का ग्राम स्वराज्य गांवों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना है, भाजपा का सपना कारपोरेट व्यवस्था को सशक्त करना है। दोनों में कोई तुलना नहीं की जा सकती।
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